नई दिल्ली: icc चैम्पियंस ट्रॉफी के अपने पहले लीग मैच में भारत के हाथो बुरी तरह पराजित पाकिस्तान की टीम 18 जून को टीम इंडिया से फिर भिड़ेगी मगर इस बार टीम इंडिया को एक अलग पाकिस्तानी टीम से सामना कर पड़ सकता है ऐसे में फ़ाइनल यकीनन लीग मुक़ाबले से ज़्यादा रोमांचक होगा.

लीग के पहले मैच में भारत ने पाकिस्तान को 124 रनों से हरा दिया और पाक टीम का प्रदर्शन बेहद फीका नज़र आया. लेकिन उसके बाद इस टीम ने दक्षिण अफ़्रीका, श्रीलंका और इंग्लैंड जैसी ताक़तवर टीमों को शिकस्त दी है जिससे उसके हौसले बुलंद हो गए हैं. कप्तान विराट कोहली से लेकर सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज ऐसा मानने में कोई इंकार नहीं करते. कप्तान विराट कोहली कहते हैं, "हमारा फ़ोकस अपने गेम, अपने स्किल और अपनी क्षमता पर है. हम फ़ाइनल में अच्छी क्रिकेट खेलना चाहते हैं. पाकिस्तान को इस बात का श्रेय देना होगा कि उन्होंने शानदार वापसी की है. उन्होंने अच्छी टीमों को शिकस्त दी है. फ़ाइनल हमेशा चुनौतीपूर्ण होगा. हमारे लिए अहम होगा कि हम बड़ा सोचें और पिछले फ़ाइनल के प्रदर्शन को दोहराएं. हमें पाकिस्तान की ताक़त और कमज़ोरी के हिसाब से भी रणनीति बनानी होगी. हमें एक ग्रुप की तरह से अपने फ़ोकस बनाये रखना होगा. उस दिन अच्छी क्रिकेट खेलकर कामयाबी हासिल करने की ज़रूरत होगी."

पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर कहते हैं, "पाक टीम में थोड़ा बदलाव आ गया है. उनके ओपनिंग बैट्समैन बदल गए हैं. ओपनर्स के रोल में अब अहमद शहज़ाद की जगह फ़ख़र ज़मां आ गये हैं. उन्होंने ओपनिंग में अच्छी बैटिंग की है. उनके पास अच्छे गेंदबाज़ हैं. उनके पास गेंदबाज़ों का लेफ़्ट-राइट कॉम्बिनेशन है जिनके ख़िलाफ़ भारतीय बल्लेबाज़ों को दिक्कत आ सकती है. उनके नए गेंदबाज़ रुम्मन रईस अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे हैं. मो. आमिर फ़ाइनल में वापसी कर सकते हैं. पाकिस्तान का आत्मविश्वास भी बढ़ा है. उन्होंने श्रीलंका और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अच्छी जीत हासिल की है."

आईसीसी या वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में भारत का रिकॉर्ड पाकिस्तान से हमेशा बेहतर रहा है. वर्ल्‍डकप में भारत, पाकिस्तान से कभी नहीं हारा है. लेकिन अगर सिर्फ़ फ़ाइनल मुक़ाबलों की बात करें तो पाक टीम बाज़ी मारती नज़र आती है. 1985 से लेकर अबतक दोनों टीमों के बीच 10 फ़ाइनल मैच खेले गए. इनमें पाकिस्तान को 7 जबकि भारत को 3 मैचों में जीत मिली.

पाकिस्तान के गेंदबाज़ टूर्नामेंट में शुरू से ही शानदार माने जा रहे हैं. टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले पांच गेंदबाज़ों की लिस्ट में दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ हसन अली (10/172) और बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ जुनैद ख़ान (7/135) जैसे पाकिस्तान के दो गेंदबाज़ शामिल हैं. इसके अलावा इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2 विकेट लेने वाले (2/44) रुम्मन रईस भी जानकारों को खूब प्रभावित कर रहे हैं.

भारत के ख़िलाफ़ पहले मुक़ाबले में चोट खाने के बाद पाकिस्तानी टीम के घाव हरे हैं. इसलिए फ़ाइनल से पहले ये टीम बढ़-चढ़कर दावे से बच रही है. ज़ाहिर है विपक्षी टीम का फ़ोकस भी अब गेम पर ज़्यादा है.

डिफेंडिंग चैंपियन भारत ने दो बार इस टूर्नामेंट का ख़िताब जीता है. जबकि पाकिस्तान के लिए मिनी वर्ल्ड कप जीतने का ये पहला मौक़ा है. पाकिस्तान का यहां तक पहुंचना अपने आप में बड़ी कामयाबी है. ऐसे में विपक्षी टीम भारत पर दबाव बनाने की कोशिश ज़रूर करेगी. लेकिन टीम इंडिया के कप्तान विराट संयम बरतने की बात कर रहे हैं जो उनकी सबसे बड़ी ताक़त साबित हो सकती है. पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ये ज़रूर कहते हैं, "भारत बनाम पाकिस्तान मैच हमेशा दिलचस्प होता है. भारतीयों को ज़रूर मज़ा आएगा अगर वो फ़ाइनल में पाकिस्तान को हरा दे. भारतीय फ़ैन्स वैसी ही उम्मीद भी कर रहे हैं."