योगी सरकार प्रदेश के 6 ज़िलों में चलाएगी विशेष टीकाकरण कार्यक्रम

प्रेमकांत तिवारी (वरिष्ठ संवाददाता)

लखनऊ: निमोनिया नवजात शिशुओं के लिये एक जानलेवा बीमारी है, देश में नवजातों की होने वाली मौतो में 20 प्रतिशत मौतें निमोनया से होती हैं इसमें भी 30 प्रतिशत मौतों का ज़िम्मेदार न्युमोकोकल कान्जूगेट वायरस (पीसीवी) है। इसीलिये निमोनिया से नवजात शिशुओं को बचाने के लिये प्रदेश की योगी सरकार ने पीेसीवी वक्सीन को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है।

लखनऊ के होटल ताज में आयोजित मीडिया वर्कशाप में नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर आलोक कुमार सिन्हा ने बताया कि पीसीवी वैक्सीन टीकाकरण की शुरूआत 2017-18 में बलरामपुर, बहराईच, खीरी, सीतापुर, सिद्धार्थ नगर और श्रावस्ती जिलों से होगी ।

श्री आलोक कुमार ने बताया कि निमोनिया से होने वाली मौतों को रोकने के लिये वायरस को नियन्त्रित करने की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसके लिये दिशा निर्देश जारी कर चुका है। इस वैक्सीन से निमानिया के अतिरिक्त दिमागी बुखार और दूसरी बीमारियों से बच्चों को बचाने में मदद मिलेगी।
इससे पहले, महानिदेशक, परिवार कल्याण, डॉ नीना गुप्ता ने कहा कि सभी छह जिलों में शिशुओं को पीसीवी वैक्सीन छह सप्ताह, 14 सप्ताह और नौ महीनों की बूस्टर खुराक के रूप् में दी जायेगी।

मीडिया वर्कशाप को सम्बाधित करते हुए यूनीसेफ़ यूपी के चीफ़ फ़ील्ड आफ़ीसर रूथ एल लीनो ने कहा कि एक बेहतर और स्वस्थ विश्व के लिये बच्चों का जीवित रहना जरूरी है। भारत को इस क्षेत्र में बेहतर परिणाम प्राप्त करना है और अगर भारत को प्रगति करना है तो उत्तर प्रदेश को बड़ा योगदान देना होगा।

यूपी के अलावा बिहार के 17 और हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में भी पहले चरण में शिशुओं को पीसीवी वैक्सीन लगाई जायेगी।

भारत सहित 139 देशों में पीसीवी शुरू की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और भारत के नेशनल टक्नीकल एडवाइज़री ग्रूप द्वारा की गई सिफारिशों के बाद पीसीवी को भारत में पेश किया गया है।
स्टेट मीडिया वर्कशाप को यूनिसेफ, यूएनडीपी, आईटीएसयू और जीएचएस के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया था।