नई दिल्ली: माकपा ने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत पर आरोप लगाया है कि उनकी बातों में नरेंद्र मोदी सरकार की मंशा झलकती है। मोदी सरकार कश्मीर के लोगों की आवाज को कुचलना चाहती है और वैसी ही बातें सेना प्रमुख कर रहे हैं। माकपा ने कश्मीर में मानव ढाल के मुद्दे पर भी सेना प्रमुख पर निशाना साधा है। बता दें, इससे एक दिन पहले बंगाली स्कॉलर पार्थ चटर्जी ने सेना प्रमुख बिपिन रावत की तुलना ब्रिटिश जनरल डायर से की थी।
मंगलवार को सीपीआई(एम) के मुखपत्र ‘पीपल डेमोक्रेसी’ में कहा गया है कि जनरल बिपिन रावत कश्मीर में प्रदर्शनकारियों से निपटने के जो तरीके बता रहे हैं, वे उसी के उदाहरण हैं, जो गलत रास्ता मोदी सरकार कश्मीर में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अपना रही है। बिपिन रावत ने ये तरीके एक टीवी इंटरव्यू के दौरान बताए थे। मुखपत्र के लेख में कहा गया है, ‘जनरल रावत ने इंटरव्यू में कहा था कि मैं चाहता हूं कि वे लोग हम पर पत्थर फेंकने की बजाय हथियारों से फायरिंग करें। इससे मुझे खुशी होगी। इसके बाद हम वह कर पाएंगे, जो हम करना चाहते हैं।’

पार्टी ने अपने मुखपत्र में आरोप लगाया है कि जनरल रावत ने मेजर नितिन गोगई के उस गलत कदम का भी बचाव किया है, जिसमें उन्होंने एक नागरिक को जीप के आगे बांधकर मानव ढाल बनाया था। लेख में लिखा गया है, ‘आर्मी चीफ ने ऑफिसर नितिन गोगई की उस कदम के लिए प्रशंसा की, जबकि इस मामले में जांच होनी थी। जनरल रावत ने मेजर गोगई के उस गलत कदम को इस तरह से पेश किया, ‘यह एक प्रॉक्सी वार है। यह गलत तरीके से लड़ा जाता है। इसमें नई प्रयोगों की जरूरत होती है। आप एक डर्टी वार नए तरीकों से लड़ते हैं।’