नई दिल्ली: भारत ने सोमवार को अपने सबसे वजनी जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए छोड़ा। जीएसएलवी मार्क-3 अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह लेकर गया है, जिसे वह कक्षा में स्थापित करेगा। जीएसएलवी श्रृंखला के इस सबसे वजनी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 ने सोमवार को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से शाम 5.28 बजे पहली बार उड़ान भरी।

इसरो ने इस लॉन्‍च के सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा करते हुए इस दिन को ऐतिहासिक बताया। वहीं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सबसे भारी उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर कहा कि इसरो की उपलब्धि पर देश को गर्व है। इसकी कामयाबी से भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने में भारत का रास्ता भी साफ हो गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन ने कहा कि भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) एमके-3 प्रक्षेपण मील का पत्थर है। क्योंकि इसरो इसकी क्षमता 2.2-2.3 टन से करीब दोगुना 3.5-4 टन कर रहा है।