लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार ने मायावती सरकार (2007-2012) के दौरान बनवाए गए पार्कों और स्मारकों के जीर्णोद्धार के लिए करीब 10 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस बजट से इन पार्कों और स्मारकों के मरम्मत और बाकी अधूरे निर्माण कार्य पूरे किए जाएंगे। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख और राज्य की पूर्व सीएम मायावती आरोप लगाती रही हैं कि अखिलेश यादव सरकार छह हजार करोड़ रुपये से दलित नेताओं के सम्मान में बनवाए गए इन पार्कों और स्मारकों की उपेक्षा करती रही है। 13 मई को मायावती ने कहा था कि अगर योगी आदित्य नाथ कांशीराम और उनके आदर्शों की परवाह करते हैं तो उन्हें इन स्मारकों का ख्याल रखना चाहिए

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) सेक्रेटरी जयशंकर दुबे ने बताया कि कांशीराम स्मारक की बत्तियों को सही करने का काम शुरू भी हो चुका है। दुबे ने बताया कि दूसरे स्मारकों का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा और काम का ठेका ई-टेंडरिंग से दिया जाएगा। ये पैसा मायावती द्वारा इस मद के लिए बनाए गए 120 करोड़ रुपये के फंड से अावंटित किया जाएगा। एलडीए के आधिकारियों के अनुसार पिछले कई सालों से इन पार्कों-स्मारकों की मरम्मद के लिए पैसा आवंटित नहीं किया गया था।

मायावती सरकार ने भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, अंबेडकर विहार, अंबेडकर गोमती विहार खंड एक और खंडो दो, कांशीराम ग्रीन (इको) गार्डेन और कांशीराम स्मारक स्थल इत्यादि का निर्माण करवाया था। इनमें से ज्यादातर का निर्माण यूपी राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) करवाया था। एलडीए ने इनके निर्माण में नोडल एजेंसी की भूमिका निभायी थी। अखिलेश यादव सरकार ने आरोप लगाया था कि इन पार्कों-स्मारकों के निर्माण में वित्तीय धांधली हुई लेकिन बसपा ने इससे इनकार किया था।