लखनऊ: उ0प्र0 खेत मजदूर यूनियन राज्य कमेटी बैठक को सम्बोधित करते हुए महासचिव बीएल भारती ने कहा कि साम्प्रदायिकता पर नहीं रोजगार पर बहस होनी चाहिए। प्रदेश में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शिक्षित और अशिक्षित करोड़ों बेरोजगार हैं जिनके सामने रोजी रोटी का बड़ा संकट है। योगी सरकार बताये कि उन्हें रोजगार कहां से और कैसे उपलब्ध करायेंगे। सरकार द्वारा लागू की जा रही निजीकरण व उदारीकरण की नीतियां नियमित रोजगार को ही समाप्त कर रही हैं।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश में योगी सरकार मनुस्मृति के आधार पर हिन्दुत्व के एजेन्डे को आगे ला रही है। शासन व प्रशासन ने मुसलमानों व दलितों और महिलाओं के खिलाफ मानसिकता से कार्य करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री बुनियादी समस्याओं रोजगार कृषि संकट भोजन कर्जामाफी पीने का पानी बिजली कानूनव्यवस्था शिक्षा स्वास्थ्य सडकें आदि से ध्यान हटाकर साम्प्रदायिकता पर बहस कराने की बात कर रहे हैं। भाजपा और संघ परिवार मंदिर मुद््दे को सामने ला रहे हैं। वे 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में बहुसंख्यक साम्प्रदायिकता का कार्ड खेलकर पिछला प्रदर्शन दुहराने के प्रचार में लगे हैं। अवैध बूचडखाने बंद कराने के नाम पर लोगों के भोजन की स्वतंत्रता पर ही हमला किया गया है। स्वयंभू गौरक्षकों को खुलेआम गुंडागर्दी की छूट मिली हुई है। महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर एण्टीरोमियो दस्ते युवक और युवतियों को आतंकित और अपमानित कर रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि महिलाओं के खिलाफ घिनौने अपराध बढे हैं। भाजपा नेता अपने हाथों ही कानून व्यवस्था खराब कर रहे हैं। सहारनपुर में भाजपा सांसद ने अम्बेडकर जयंती के नाम पर बिना अनुमति जुलूस निकालकर हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया व एस एस पी के घर में तोड फोड भी कराई। आगरा में भाजपा विधायक ने थाने में घुसकर सीओ व एक सब इंस्पेक्टर को पीटा। पुलिस चैकी में आग लगाने की कोशिश की। प्रदेश में दलितों पर अपराधों में वेतहाशा बृद्धि हुई है । दलितों की हत्या व उनकी महिलाओं से बलात्कार उनके घर जलाना तथा मारपीट की घटनाओं पर अंकुश लगाने में योगी सरकार फेल है। सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में ठाकुरों द्वारा दलित बस्ती पर जानलेवा हमला किया गया जिसमें महिलाओं बच्चों सहित दर्जनों लोग घायल हुए। करीब दो दर्जन घरों को आग लगाई गयी। प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। उक्त हमले के विरोध में दलित संगठनों भीमसेना व दलित शोषण मुक्तिमंच आदि द्वारा किए गये धरना प्रदर्शन पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया। प्रशासन सवर्ण सामंती तत्वों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय भीमसेना के सम्बंध माओवादियों से बताकर दलित नेताओं पर रासुका लगाने की तैयारी कर रहा है। अलीगढ़ जिले के लोधा गांव में भी दलितों पर हमला किया गया है। बुंदेलखण्ड में भी दलितों पर हमले की खबरें अखबारों में छपी हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक करने में सरकार विफल है। चोरी डकैती अपहरण हत्या जैसे अपराध आम बात हो गई है। मनरेगा का काम बंद पडा हुआ है तथा कई जगह मजदूरी का भुगतान भी नहीं हुआ है। मनरेगा के तहत औसत रोजगार में कमी आई है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली राशनकार्डों से चीनी व मिट््टी का तेल खतम करने की सरकार की योजना है। किसानों के लिए रसायनिक खाद सिचाई बिजली बीज दवायें आदि सस्ती दर पर देना और फसल का दाम उत्पादन लागत का डेढ गुना देने को सरकार तैयार नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण से नौकरियों पर बुरा असर पड रहा है। अनुसूचित जातियों जनजातियों व पिछडों का आरक्षण समाप्त करने की सरकार की योजना लगती है।

बैठक की अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष ब्रहम स्वरूप ने की। बैठक में वरिष्ठ नेता का0 अंबिका प्रसाद मिश्र, जयलाल सरोज, सतीश कुमार, अशोक पाण्डेय, मिठाईलाल, राजीत शांत आदि वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किये और एक प्रस्ताव पास कर 5 जून से 20 जून तक सभी जिलों में व्यापक रूप से अभियान चलाने और जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया तथा यह भी तय किया गया कि इस बार यूनियन के संगठन का प्रदेश भर में विस्तार किया जायेगा। जून के अंत तक सभी जिलों में सम्मेलन सम्पन्न कर लिये जायेंगे। सितम्बर में राज्य सम्मेलन देवरिया जनपद में सम्पन्न किया जायेगा।