:नई दिल्ली: कालेधन के खिलाफ सरकार एक नया अभियान चला रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके लिए आज (16 मई) ऑपरेशन क्लीन मनी वेबसाइट लॉन्च कर दी है। इस पर सरकार छापेमारी की रिपोर्ट पेश करेगी। साथ ही वेबसाइट पर डिफॉल्टर्स को ज्यादा रिस्क से लेकर बहुत कम रिस्क की अलग अलग श्रेणियों में रखा जाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) के चैयरमेन सुशील चंद्र ने बताया कि हम लोगों की टैक्स नहीं देने की आदत को बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर उस प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी जाएगी, जिसके द्वारा टैक्स डिफॉल्टर की पहचान की गई होगी।

हाई रिस्क, मीडियम रिस्क, कम रिस्क और बहुत कम रिस्क की श्रेणी के मुताबिक ही डिफॉल्टर पर कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक हाई रिस्क वाले लोगों और ग्रुप पर सर्च, जब्ती और सीधे जांच जैसी कार्रवाई का सामना करेंगे। वहीं मीडियम रिस्क वालों को मैसेज और ईमेल से सूचित किया जाएगा। इसके अलावा कम रिस्क और बहुत कम रिस्क वाले डिफॉल्टरों पर नजर रखी जाएगी। जिन लोगों और ग्रुप्स की जांच चल रही होगी उनकी पहचान को उजागर नहीं किया जाएगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रेड की रिपोर्ट इस वेबसाइट पर डालेगा।

आपको बता दें कि आयकर विभाग डेटा जुटाने के लिए जिन स्रोतों का इस्तेमाल करता है, उनमें दूसरे देशों की टैक्स अथॉरिटीज और इंडिया में हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शंस शामिल हैं। डिपार्टमेंट के ऑपरेशन ‘क्लीन मनी’ के तहत चिन्हित किए गए लोगों ने नोटबंदी के ऐलान के बाद बैंकों में जमा किए ज्यादा पैसे और महंगी खरीदारी के बारे में अगर उचित जवाब नहीं दिए तो उन्हें भी जांच का सामना करना पड़ सकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक डिपार्टमेंट के नोटबंदी के बाद चलाए गए ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत काफी डेटा जुटाया है। विभाग अब टैक्स चोरी की कोशिशों का पता लगाने का प्रयास कर रहा है। उसने 60,000 लोगों की पहचान कर ली है, जिनकी अब गहराई से जांच की जाएगी। हालांकि संख्या के बजाय गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है ताकि यह पूरा अभियान ज्यादा प्रभावी हो। डायरेक्ट टैक्स के मामले में शीर्ष संस्था सीबीडीटी ने पहले ही तय किया था कि वह उन मामलों की जांच नहीं करेगी जिनमें बिना व्यवसाय के 5 लाख रुपये तक की इनकम होगी।