नई दिल्ली: तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान AIMPLB के वकील कपिल सिब्बल ने तीन तलाक की तुलना राम के अयोध्या में जन्म से कर डाली. कपिल ने कहा कि तीन तलाक आस्था से जुड़ा विषय है, ठीक उसी तरह जैसे कि मान लीजिए अगर मेरी आस्था राम में है तो मेरा मानना है कि राम अयोध्या में पैदा हुए. ये आस्था से जुड़ा मामला है. उस पर सवाल नहीं तो तीन तलाक पर क्यों. इसलिए इस मामले में कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए.

कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान कहा- तीन तलाक 1400 साल पुरानी प्रथा है और यह स्वीकार की गई है. यह मामला आस्था से जुडा है, जो 1400 साल से चल रहा है तो ये गैर-इस्लामिक कैसे है.

यही नहीं तीन तलाक की तुलना कपिल सिब्बल ने हिन्दुओं से की. उन्होंने कहा कि संविधान सभी धर्मों के पर्सनल लॉ को पहचान देता है. हिंदुओं में दहेज के खिलाफ दहेज उन्मूलन एक्ट लेकर आए, लेकिन प्रथा के तौर पर दहेज लिया जा सकता है. इस तरह हिंदुओं में इस प्रथा को सरंक्षण दिया गया है तो वहीं मुस्लिम के मामले में इसे अंसवैधानिक करार दिया जा रहा है. कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए नहीं तो सवाल उठेगा कि इस मामले को क्यों सुना जा रहा है? क्यों संज्ञान लिया गया.