लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने 15 मई, 2017 से शुरु हो रहे 17वीं विधान सभा के प्रथम सत्र को सुचारु रूप से संचालित करने में सभी दलों से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि तार्किक एवं गुणात्मक बहस से ही प्रदेश की जनता को लाभ पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण को पूरा सुनने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे राज्य सरकार द्वारा सम्पादित किए जाने वाले कार्यों की पूरी जानकारी मिलती है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री तथा नेता सदन योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उनकी पार्टी विधान सभा में रचनात्मक बहस को बढ़ावा देने के लिए पूरा सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश की विधान सभा को देश का सबसे बड़ा सदन बताते हुए कहा कि संवाद स्थापित करके ही जन-समस्याओं का प्रभावी समाधान कराया जा सकता है। उन्होंने संसद की तर्ज पर विधान सभा के सत्र को 90 दिन चलाने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे प्रदेश की अनेक समस्याओं को सरकार के संज्ञान में लाने और उनका उचित निराकरण कराने में मदद मिल सकती है। उन्होंने सभी दलों से सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की अपील करते हुए कहा कि इससे अधिक से अधिक लोक-कल्याण किया जा सकता है।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सदन को सुचारु रूप से पक्ष एवं विपक्ष के सहयोग से ही चलाया जा सकता है।

बैठक में सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर, बहुजन समाज पार्टी के श्री लालजी वर्मा, कांग्रेस पार्टी के श्री अजय कुमार ‘लल्लू’ तथा अपना दल के श्री नील रतन सिंह पटेल ‘नीलू’ ने अपने-अपने दलों की ओर से पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।