नई दिल्ली: भारत समेत दुनिया के करीब 100 देशों में शुक्रवार रात बड़ा साइबर हमला हुआ। इसकी शुरुआत ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस से हुई। इसके बाद कई देशों में अस्पतालों, बड़ी कंपनियों और सरकारी कार्यालयों की वेबसाइट्स को शिकार बनाया गया। यह हमला अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से चोरी किए गए साइबर हथियारों की मदद से किए गए।

अमेरिकी मीडिया के अनुसार, सबसे पहले स्वीडन, ब्रिटने और फ्रांस से साइबर हमले की खबर मिली। सुरक्षा सॉफ्टवेयर कंपनी अवैस्ट ने बताया कि मालवेयर की गतिविधि बढ़ने की बात शुक्रवार को पता चली। कंपनी ने कहा कि यह जल्द ही व्यापक स्तर पर फैल गया।

साइबर हमले से सबसे ज्यादा प्रभावित ब्रिटेन हुआ है। इस हमले से नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से जुड़े कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया है। इसके तहत हैकर्स ने लंदन, ब्लैकबर्न और नॉटिंघम जैसे शहरों के अस्पतालों और ट्रस्ट के कंप्यूटर्स को निशाना बनाया। कंप्यूटर के डाटा नहीं खुलने के चलते अस्पतालों और क्लीनिकों को मरीजों को वापस भेजना पड़ा। गृह सुरक्षा विभाग के तहत अमेरिका कंप्यूटर इमरजेंसी रेडीनेस टीम (यूएससीईआरटी) ने कहा कि उसे विश्व भर के कई देशों में वॉनाक्राई रैनसमवेयर वायरस हमले की कई खबरें मिली हैं। स्पेन में दूरसंचार कंपनी टेलीफोनिया समेत बड़ी कंपनियां इस हमले का शिकार हुई। अमेरिका की कोरियर कंपनी फेडएक्स ने एक बयान में कहा कि वह साइबर हमले का बुरी तरह शिकार हुई है।