लखनऊ: बसपा से निकाले जाने के बाद भड़के नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बोले- गुरुवार को खोलूंगा मायावती का कच्‍चा चिट्ठायूपी चुनाव में एसपी का वोट प्रतिशत सिर्फ 21.8 प्रतिशत, जबकि बीएसपी का वोट प्रतिशत 22.2 प्रतिशत था।
उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निष्कासित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा है कि जिन तथ्यहीन और अनर्गल आरोपों के आधार पर उन्हें निष्कासित किया गया है, दरअसल वे सभी आरोप मायावती, सतीश चंद्र मिश्रा के ऊपर साबित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि वह प्रमाण के साथ मायावती एंड कंपनी के ऊपर सभी आरोप साबित करेंगे। नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने एक बयान में कहा है कि वह इस समय लखनऊ से बाहर हैं। लखनऊ आने के बाद गुरुवार को वह प्रमाण के साथ मायावती एंड कंपनी के आरोप का जवाब प्रेस के माध्यम से देंगे। सिद्दीकी ने बयान में कहा है, “मैं समझता हूं कि इस निष्कासन से मेरे व मेरे परिवार की और मेरे सहयोगियों की बहुजन समाज पार्टी में 34-35 साल की कुबार्नी का सिला मुझे दिया गया है। मैंने इस मिशन के लिए और मायावती के लिए खासतौर पर इतनी कुबार्नी दी है, जिसकी मैं गिनती नहीं कर सकता।”

नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया, “मायावती, उनके भाई आनंद कुमार और सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा अवैध रूप से, अनैतिक रूप से और मानवता से परे कई बार ऐसी मांगें की गईं, जो मेरे बस में नहीं थीं। कई बार मुझे मानसिक प्रताड़ना दी गई, टार्चर किया गया। जिसके पुख्ता प्रमाण मेरे पास हैं।” नसीमुद्दीन ने कहा, “2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव और 2012 व 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मायावती की गलत नीतियों के कारण सफलता नहीं मिली। उन्होंने मुसलमानों पर गलत झूठे आरोप लगाए।”

उन्होंने कहा, “2017 के चुनाव से काफी पहले से मैंने पार्टी के लिए जो प्रयास किए, उसी का नतीजा था कि बसपा को 22 प्रतिशत से अधिक वोट मिले। नहीं तो स्थिति और बदतर होती। शिकस्त के बाद मायवती ने मुझे बुलाया और अपर कास्ट, बैकवर्ड को बुरा-भला कहने के साथ ही खासतौर पर मुसलमानों के लिए अपशब्द कहे, जिसका मैंने विरोध किया था।”