कहा- प्रदेश को जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण से मिली मुक्ति

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत को पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा बताते हुये अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार (2 मई) को कहा कि कार्यकर्ताओं को विनम्र बनना होगा और जीत के बाद आराम से नहीं बैठना है बल्कि जिन सीटों और बूथों पर पार्टी की स्थिति कमजोर है, वहां और ज्यादा मेहनत करनी होगी. शाह ने भाजपा को ‘देशभक्त कार्यकर्ताओं’ का संगठन बताते हुये कहा, ‘कार्यकर्ताओं को उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत से संतोष कर आराम नहीं करना है बल्कि जिन जिन बूथों पर हमारी पार्टी की स्थिति कमजोर हुई है, वहां जाकर जनता को पार्टी की विकास योजनाओं के बारे में बताना है और पार्टी के सदस्यों की संख्या को बढ़ाना है.’

भाजपा अध्यक्ष यहां पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक के समापन पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘पार्टी के 16 हजार कार्यकर्ता हैं. यदि एक कार्यकर्ता पांच पांच बूथों पर जाकर पार्टी को मजबूत करने और सदस्यों की संख्या बढ़ाने का काम करता है तो पार्टी की पहुंच 80 हजार बूथों तक हो जाएगी.’ उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता इन बूथों पर जाये और वहां दलितों गरीबों मजदूरों के बीच काम करें और उन्हें केंद्र और प्रदेश के विकास कार्यों से जोड़े. उन्हें बताये कि किस तरह पार्टी चुनाव से पहले के जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र को ध्यान में रखकर ‘सबका साथ सबका विकास’ करेगी.

शाह ने कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा है कि 10 सदस्यों से शुरू हुई भाजपा आज 11 करोड़ सदस्यों वाला सबसे बड़ा राजनीतिक दल बन गयी है. कार्यकर्ताओं की बदौलत ही आज पार्टी की 14 राज्यों में अपने बल पर सरकार है, जबकि तीन राज्यों में सहयोगी दलों के साथ सरकार है तथा लोकसभा में 282 सांसद है और देश के विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में 1387 विधायक है. लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं को इतने से ही संतोष नहीं करना चाहिये बल्कि पूरे देश में पार्टी का परचम लहराना चाहिये.’ उन्होंने कहा कि 2014 में जब देश में मोदी सरकार बनी थी तभी ऐसा लग गया था कि उत्तर प्रदेश में भी मोदी लहर चलेगी और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी क्योंकि प्रदेश की जनता जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण के नासूर से मुक्ति चाहती थी.

शाह ने कहा, ‘इसलिये पार्टी ने अपनी यात्रा का नाम विजय यात्रा नहीं बल्कि परिवर्तन यात्रा रखा था. हमारा मकसद उत्तर प्रदेश को 15 साल के कुशासन से मुक्ति दिलाना था और प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन करना था. जनता ने समाजवादी पार्टी और बसपा से मुक्ति के लिये हमें यह अवसर दिया है और अब योगी सरकार प्रदेश में ‘सबका साथ सबका विकास’ करेगी. इसकी कुछ झलक योगी सरकार के पहले महीने में ही दिखने लगी है.’