लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने रविवार को बिहार राज्य की समीक्षा बैठक में कहा कि दलित, पिछड़े और उपेक्षित वर्ग सत्ता की मास्टर कुंजी अपने हाथ में लें। तभी उनका सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक उत्थान संभव है।

उन्होंने कहा कि यूपी में भाजपा की जीत के बाद भी प्रदेश के हालात में अपेक्षित सुधार नहीं आ पाया है बल्कि स्थिति लगभग पहले जैसी ही खराब बनी हुई है। उलटे प्रदेश में बीजेपी की जीत का बुरा प्रभाव यह पड़ रहा है कि देश भर में लोगों को स्वतंत्र रहकर जीवन व्यतीत करने का उनका अधिकार लगातार खतरे में पड़ता जा रहा है।

जनता के जीवन में जबर्दस्ती की सरकारी दखलन्दाजी लगातार बढ़ती जा रही है और हर व्यक्ति को सरकार बन्धक बनाने की तैयारी में जुट गयी लगती है। इसके लिए आयेदिन नये-नये नियम व कानून बनाकर उन पर थोपा जा रहा है। व्यक्ति चाहे बेरोजगार व भूखा क्यों ना हो, उसे हर प्रकार के प्रत्यक्ष व परोक्ष टैक्स के बोझ से लादा जा रहा है।

बैठक में बिहार के बारे में बसपा नेताओं ने बताया कि वहां भी दूसरे राज्यों की तरह ही खासकर दलित समाज के लोगों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत काफी दयनीय है। उनके पास ना तो स्थायी रोजगार है और ना ही खेती के लिए जमीन। ज्यादातर लोग मजदूरी पर ही आश्रित है तथा अन्याय व शोषण का शिकार हैं। उन्होंने संगठन को ज्यादा चुस्त-दुरुस्त करने के लिए दिशा-निर्देश दिए।