नई दिल्ली: जेल से बाहर निकलने के बाद मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह गुरुवार (27 अप्रैल) को पहली बार मीडिया से मुखातिब हुईं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि वे कांग्रेस के षड़यंत्र का शिकार हुई हैं, और कांग्रेस की वजह से ही उन्होंने नौ साल तक अन्याय सहा है। जेल से बाहर आने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मैं अभी आरोपों से आधी ही मुक्त हो पाई हूं, मानसिक रूप से मुक्त होना बाकी है। बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मुस्लिम बहुल इलाके मालेगांव में दो मोटरसाइकिलों में धमाका हुआ था, इस धमाके में 7 लोग मारे गये थे। आतंकी घटनाओं की जांच करने वाली संस्था ATS ने इस केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को इस मामले में आरोपी करार दिया था और उन्हें गिरफ़्तार किया था। नौ साल बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दे दी है। इस दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी लड़ना पड़ा।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि भगवा आतंकवाद शब्द कांग्रेस की देन है। और भगवा आतंकवाद कहना गलत है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के मुताबिक एटीएस ने उन्हें 10 अक्टूबर 2008 को गलत तरीके से गिरफ़्तार किया था, और उन्हें अहमदाबाद से लेकर मुंबई चली गई। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि अब वह जेल से बाहर हैं और अपनी बीमारी का इलाज कराएंगी। अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एटीएस पर भी आरोप मढ़े। उन्होंने कहा कि एटीएस ने उन्हें बहुत प्रताड़ना दी और उनकी बीमारी के लिए एटीएस जिम्मेदार है। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में शायद पहली बार किसी स्त्री को इतना प्रताड़ित किया गया होगा। साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘मैने 9 साल लंबा अन्याय झेला है, मैं अपराधियों को कानूनी तौर पर सजा दिलाऊंगी। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने यूपीए-2 सरकार के दौरान गृहमंत्री पी चिदंबरम पर करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि जो विधर्मी होते हैं उनके लिए भगवा बुरा होता ही है, यह निश्चित रुप से सच है कि भगवा आतंकवाद कांग्रेस का षड़यंत्र था, इसके साबित करने के लिए कहानी रची गई। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मुझे गिरफ़्तार किया और बंधक बनाकर रखा गया। साध्वी प्रज्ञा के मुताबिक उन्होंने 9 साल का अन्याय सहा है, जिसे फिर वापस नहीं लाया जा सकता है।