नई दिल्ली: वीवीआईपी कल्चर पर लगाम लगाने के लिए मोदी कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक-अब केंद्रीय मंत्री और अधिकारी लाल बत्ती नहीं लगा सकेंगे. यह निर्देश 1 मई से लागू होगा. इसकी औपचारिक घोषणा आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए की जाएगी. इसका एक सांकेतिक महत्व भी है. 1 मई को मजदूर दिवस है. सो इस दिन मोदी सरकार यह संदेश देना चाहती है कि उसके मंत्री वीआईपी कल्चर से दूर रहेंगे. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, उपराष्ट्रपति, स्पीकर को इससे छूट होगी.
हालांकि राज्यसरकारें इस पर फैसला खुद लेंगी, लेकिन माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद राज्यों पर इसे लागू करने का दबाव रहेगा. खासकर बीजेपी शासित राज्यों पर. वैसे बहुत सारे मंत्री लालबत्ती के पक्ष में बयान देते रहे हैं, सो उनके दिल में इसे छोड़ते वक्त कसक तो रहेगी.
इससे पूर्व पंजाब की अमरिंदर सरकार ने लालबत्ती पर रोक लगा दी थी. पंजाब के मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों और वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों के अलावा किसी को लालबत्ती के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी. इसके तहत पंजाब के मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों और वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों के अलावा किसी को लालबत्ती के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी. इसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लालबत्ती से हूटर निकालने की बात कही थी.
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