लखनऊ: अवैध बूचड़खानों पर कैंची चलाने के बाद यूपी की योगी सरकार ने अब मीट बेचने वालों के 17 बिंदुओं वाली गाइडलाइंस जारी की है। आदित्य नाथ सरकार ने राज्य की कमान संभालते ही अवैध बूचड़खानों (illegal Slaughterhouse) बंद करने का आदेश दिया था। यूपी सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक धार्मिक स्थलों के 50 मीटर के अंदर और उनके मुख्य द्वार के कम से कम 100 मीटर की दूरी तक कोई भी मीट की दुकान नहीं होनी चाहिए। फूड सेफ्टी एंज ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) ने स्पष्ट किया कि ‘धार्मिक स्थालों’ में मस्जिद भी शामिल है। यह दिशा-निर्देश इसलिए भी अहम है क्योंकि मस्जिदों के रखरखाव (caretaker) करने वालों ने कभी भी मस्जिद के पास मीट की दुकानें होने पर ऐतराज नहीं जताया।

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में एफएसडीए की अधिकारी ने कहा कि मस्जिद भी एक धार्मिक स्थल है। जिसे देखते हुए सरकार ने मस्जिद के पास मीट की दुकान नहीं चलने देने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने बताया कि करीब 1340 लोगों को मीट की दुकानों चलाने के लिए सरकारी खजाने में लाइसेंस फीस जमा कराई है। कुछ लोग प्रतिक्षा में है। इनमें से करीब 250 आवेदनकर्ताओं की दुकानें मस्जिद के करीब है। सरकार ने फैसला किया है कि ऐसे लोगों को लाइंस जारी नहीं किए जाएंगे। वहीं, अमन कमेटी के एक सदस्य कादिर अहमद ने कहा कि मस्जिद के करीब मांस की दुकान चलाने से किसी को रोकना अनुचित है। किसी मंदिर के पास डेरी शॉप चलाने वाले व्यक्ति की तरह, मस्जिद के निकट एक मांस की दुकान चलाने के लिए इसे आपत्तिजनक नहीं माना जा सकता है।

बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने सीएम पद की शपथ लेते ही अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई की थी। जिसके बाद कई बूचड़खानों को बंद किया गया। इसका मीट कारोबारियों ने विरोध करते हुए दुकानें बंद रखी थी। वहीं, मीट दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण करने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए 19 अप्रैल तक का समय दिया है। न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही और न्यायमूर्ति संजय हरकौली की पीठ ने सईद अहमद की जनहित याचिका पर उक्त निर्देश दिया। याचिका में मीट की दुकानों के लाइसेंस के नवीनीकरण का निर्देश देने का आग्रह अदालत से किया गया है।