लखनऊ। सूचना, ज्ञानार्जन और संचार के आज अनेक साधन है पर किताबों में जिस तरह की प्रामाणिक और विस्तृत जानकारी मिलती है उतनी अन्य साधनों से नहीं पाई जा सकती। पुस्तकें हमारे मित्र सरीखी और हमें सतत् आगे बढ़ने और कुछ सीखने के लिए प्रेरित करती हैं। ये कहना उन वक्ताओं का था जो समापन समारोह में मंच पर थे।

मोतीमहल लान राणाप्रताप मार्ग में पिछले दस दिनों से चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले का आज स्मृतिचिह्न व पुरस्कार वितरण के साथ समापन हो गया। मेले में लगभग 60 लाख रुपये की किताबें बिकीं। अंतिम दिन आज सर्वाधिक भीड रही और स्टालों पर जमकर बिक्री चली। मेले के दोनों सांस्कृतिक मंचों पर साहित्यिक और गीत-संगीत, कविता-शायरी का दौर अंतिम दिन भी जारी रहा।

मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित न्यायमूर्ति यू.के.धवन ने पुस्तकों के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि 20 साल वकालत करके किताबों से बहुत कुछ पाया और उसी के परिणामस्वरूप न्यायाधीश बन पाया। मोटीवेटर सूर्या सिन्हा ने कहा कि किताबें साधारण आदमी को समाज में विशिष्ट व्यक्ति का दर्जा दिला सकती हैं। इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत सहसंयोजक और उ.प्र.ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष टी.पी. हवेलिया ने व अंत में आभार आयोजक मनोज सिंह चंदेल ने व्यक्त किया किया। इस अवसर पर संरक्षक मुरलीधर आहूजा, सुलभ इंटरनेशनल के अविनाश कुमार आदि ने भी विचार व्यक्त किये। बाल-युवा मंच पर चली प्रतियोगियों में अभिनव, अश्वित रतन, अदिति जायसवाल, अभिज्ञान मिश्र, रूपल जैन, मायशा, लक्ष्य सहगल, आद्रिका, स्वरा त्रिपाठी, गिन्नी सहगल आदि प्रथम स्थान के हकदार बने। समूह प्रदर्शनों मे स्माइल डांस कम्पनी और फिगो मैड क्रू को पहला स्थान मिला वहीं व्यस्क अभिभावकों की प्रस्तुति में डा.अंजलि गुलाटी और मालती वर्मा को स्पेशल पुरस्कार प्रदान किया गया। पुरस्कारस्वरूप प्रमाणपत्र बच्चों के लिए कथा-कहानी नाटक लिखने वाले प्रख्यात लेखक शंकर सुल्तानपुरी ने वितरित किये।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आज लोक नृत्यांगना ज्योति किरन रतन ने आज बंगाल के ओझा नृत्य, असम के रंगाली बिहू, राजस्थानी घूमर नृत्य के साथ ही राजस्थानी गीतों- ‘ मैंने मंगा दे रे बजुदार बांगड़ी… व चम-चम चमके चूनड़ी…. पर दर्शनीय नृत्य प्रस्तुति दी। अश्वित रतन ने हरियाणवी गीत लम्बी बहू आ गई…..पर नृत्य पेश किया। मंच पर आज वरिष्ठ कथाकार नसीम साकेती, महेन्द्र भीष्म और अजयश्री ने क्रमशः शैतान की आंत, त्रासदी व अंतर्मिलन जैसी कहानियों का पाठ समालोचक राजेश्वर वशिष्ठ की टिप्पणियों के बीच पायल सिंह, अभिनेता उपेन्द्र सिंह व पुस्तक प्रेमियों की उपस्थिति में किया। इससे पहले सुबह मंच पर रजत और साथियों ने जी में तू जां में तू….. जैसे सूफी गीतों से माहौल भक्तिमय बना दिया।

बेस्ट सेलर बनी ‘मौन का संवाद’

पुस्तक मेले में सामयिक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित और योगेश मिश्र की लिखी किताब ‘मौन का संवाद’ बेस्ट सेलर बनकर उभरी। सामयिक प्रकाशन स्टाल के ललित ने बताया कि मेले के स्टाल से पिछले 10 दिनों में ‘मौन का संवाद’ की 272 प्रतियां बिक गईं।

शायरी का चला जादू

पुस्तक मेला समापन अवसर पर तहजीब ए अवध फाउण्डेशन की ओर से अमीर फैजल के संयोजन में चले मुशायरे में रामप्रकाश बेखुद, इस्लाम फैसल, संजय मिश्र शौक, अनुपम श्रीवास्तव, डा.हारून रशीद, सिराजुद्दीन सैफ, शाहबाज़ तालिब, शशिकांत सिंह, शहरयाद जलालपुरी आदि ने कलाम पेश करने के लिए आमंत्रित थे।

ज्वाइन हैण्डृस फाउण्डेशन और थियेटर एवं फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन के संयोजन में चले हास्य नाट्य समारोह के समापन अवसर पर आज शाम प्रमाणपत्र ऐसोसिएशन के मुख्य संरक्षक राजवीर रतन व फैशन मैगजीन के सम्पादक प्रकाश कृपलानी, व दबीर सिद्दीक़ी ने वितरित किए।