लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज डा0 भीमराव अम्बेडकर की 126वीं जयंती के अवसर पर अम्बेडकर महासभा लखनऊ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बाबा साहब के चित्र और प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर तथा अस्थि कलश के दर्शन कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने इस अवसर पर उद्यमिता, शिक्षा, पत्रकारिता एवं चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने वाले डाॅ0 वीरेन्द्र कुमार, डाॅ0 जिलेदार रावत, श्री राजेन्द्र के0 गौतम, प्रो0 सुरेश कुमार, श्री मनोज कुमार सेन, श्री राजकुमार सिंह को शाल एवं प्रशस्ति पत्र देकर ‘अम्बेडकर रत्न‘ सम्मान से सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।
राज्यपाल ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि यह संयोग है कि आज बाबा साहब की जयंती है, ख्वाजा गरीब नवाज का जन्मदिन है तथा ईसाई समुदाय के लिये गुड फ्राई डे है जो बाबा साहब द्वारा दिये गये सर्वधर्म समभाव को प्रमाणित करता है। बाबा साहब ने जीवन में अनेक कष्ट और अपमान सहकर कडे़ परिश्रम से शिक्षा ग्रहण की तथा अपनी लगन से विदेशों में भी पढ़ाई की। उन्होंने ऐसे समय पर विदेश में शिक्षा ग्रहण की जबकि वंचित समाज को ऐसा अवसर कम मिलता था। बाबा साहब ने समाज को आगे लाने की दृष्टि से शिक्षा पर जोर दिया। शिक्षा और संघर्ष बाबा साहब की देन है। उनके संघर्ष से समाज में लोगों को कुछ करने का विश्वास पैदा हुआ। बाबा साहब का जीवन दीप स्तम्भ की तरह है। डाॅ0 अम्बेडकर ने गरीबों और वंचितों को नया जीवन देकर उनमें आत्मविश्वास पैदा किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब द्वारा दिया गया संविधान जनतंत्र का प्राण है।
श्री नाईक ने कहा कि संविधान केवल श्रद्धा व्यक्त करने के लिये नहीं है बल्कि उसके प्राविधानों को अमल में लाने की जरूरत है। संविधान में हर मसले का हल है बस उसको व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने विधान परिषद के सदस्यों के नाम निर्देशन तथा नयी विधान सभा में नेता विरोधी दल के संदर्भ में अपने द्वारा लिये गये निर्णय को बताते हुये कहा कि यदि बाबा साहेब द्वारा बनाये गये संविधान में इसका प्राविधान न होता तो पद की जिम्मेदारी निर्वहन करने में बाधा आ सकती थी। सरकारें जनभावना के आधार पर काम करती हैं। सरकारों को चाहिये कि संविधान के निर्देश के अनुसार काम करें। उन्होंने कहा कि संविधान को व्यवहार में लाना बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डाॅ0 अम्बेडकर राष्ट्र की कीमत पर राजनीति के विरोधी थे। मुख्यमंत्री ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि बाबा साहब को संविधान के शिल्पी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने सबको सम्मानजनक जीवन जीने की राह प्रशस्त की है। बाबा साहब की प्रेरणा से समाज के वंचितों तथा अंतिम पायदान पर खडे़ लोगों की आवाज को आगे बढ़ाने का काम सार्थक होता दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अम्बेडकर जयंती के अवसर पर ‘भीम-आधार’ मंच का शुभारम्भ किया है। स्वच्छ भारत, जनधन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना आदि को पूरा करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण किया जायेगा तथा खुले में शौच से मुक्ति के लिये पूरे प्रयास किये जायेंगे।
श्री योगी ने कहा कि महापुरूषों के जन्मदिवस एवं पुण्यतिथियों पर अवकाश न करके बल्कि स्कूलों में उन महापुरूषों के बारे में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि महापुरूषों की परम्परा और उनके राष्ट्र के प्रति योगदान से बच्चे प्रेरणा प्राप्त करें। प्राथमिक विद्यालयों को बेहतर बनाने के लिये गरीब बच्चों को कापी-किताब, यूनीफार्म आदि दिया जायेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार में कोई भेदभाव या किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। सरकार प्रदेश की 22 करोड़ जनता की सुरक्षा के लिये कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि किसी को कानून से खिलवाड़ करने नहीं दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष द्वारा दिये गये ज्ञापन पर विचार करने का आश्वासन दिया तथा उन्होंने कहा कि सबके साथ न्याय होगा।
कार्यक्रम में अध्यक्ष अम्बेडकर महासभा डाॅ0 लालजी प्रसाद निर्मल ने संस्था का संक्षिप्त परिचय दिया तथा दलित समाज की समस्याएं भी रखीं।