नई दिल्ली: भारत ने अपने नागरिक कुलभूषण जाधव के खिलाफ दायर आरोप पत्र और मौत की सजा के फैसले की प्रमाणित प्रति मांगी है तथा जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान करने को कहा है। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने जाधव के मामले के संदर्भ में पाकिस्तानी विदेश सचिव तहमीना जांजुआ से मुलाकात की। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कथित जासूसी को लेकर जाधव को मौत की सजा सुनाई है।

बम्बावाले ने बताया कि मैंने आरोप पत्र और कुलभूषण जाधव को सुनाई गई मौत की सजा के फैसले की एक प्रमाणित प्रति देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने राजनयिक पहुंच के हमारे आग्रह को 13 बार (पिछले एक साल में) मना कर दिया। मैंने पाकिस्तानी विदेश सचिव से फिर आग्रह किया कि जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान की जाए ताकि हम अपील कर सकें।

नई दिल्ली में सूत्रों ने कहा कि राजनयिक पहुंच के अलावा भारत पाकिस्तान के कानूनी तंत्र के तहत आने वाले वैध उपाय भी तलाशेगा जिसमें सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ जाधव के परिवार की ओर से अपील दायर करना भी शामिल है। पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने जाधव को सुनाई गई मौत की सजा के मामले पर कल कोई समझौता नहीं करने का फैसला किया।

सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा की अध्यक्षता में आज हुई कोर कमांडरों की बैठक में यह फैसला किया गया। जाधव को जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों का दोषी करार देते हुए फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने मौत की सजा सुनाई और जनरल बाजवा ने इस सजा की पुष्टि की।

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने पिछले साल तीन मार्च को बलूचिस्तान प्रांत से जाधव को गिरफ्तार किया था जो ईरान की सीमा से कथित तौर पर दाखिल हुआ है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चेतावनी दी है कि जाधव को फांसी देना सुनियोजित हत्या होगी और पाकिस्तान को द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने प्रभावों के बारे में सोचना चाहिए।