आईसीआईसीआई लोम्बार्ड द्वारा एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया गया. इस सर्वेक्षण के अनुसार 22 से 25 साल के बीच के 65 फीसदी युवा उत्तरदाताओं में अवसाद के शुरुआती लक्षण दिखते हैं. सर्वे में यह भी बताया गया है कि लोगों के बीच कम आय का स्तर भी तनाव का एक प्रमुख कारण है. इसके अतिरिक्त, 64 फीसदी उत्तरदाता अच्छी नींद से वंचित है जो अवसाद के प्रमुख लक्षणों में से एक है.

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने ये सर्वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया था, जिसमें भारत के 22 से 50 साल के आयु वर्ग के करीब 1100 पुरुष और महिला उत्तरदाताओं से प्रतिक्रिया प्राप्त हुई. ये सर्वेक्षण बताता है कि-

नींद की कमी खराब मानसिक स्थिति का प्रमुख कारण है.
महिलाओं के बीच समग्र मानसिक स्वास्थ्य स्तर (66 फीसदी)
पुरुषों (55 फीसदी) के मुकाबले अधिक है.
बुजुर्ग आयु समूह के लोगों के मुकाबले युवाओं की मजबूत मानसिक स्थिति स्तर कम है.
65 फीसदी- 22-25 वर्ष
60 फीसदी- 26-30 साल
55 फीसदी- 31 वर्ष और उससे ऊपर
55 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि आय से संबंधित मुद्दा उनकी पेशेवर जिन्दगी की चिंता का बडा कारण है.
भारत में टीयर 1 शहरों में मानसिक स्थिति (वेलनेस) का स्तर सबसे कम है.
39 फीसदी- टीयर 1 शहर
41 फीसदी – टीयर 2 शहर
46 फीसदी – टीयर 3 शहर

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के चीफ ऑफ अंडरराइटिंग, क्लेम्स एंड रिइंश्योरेंस, संजय दत्ता ने कहा कि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में हम उपभोक्ताओं के शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं. कमजोर मानसिक स्थिति चिंता का एक प्रमुख कारण है और हमारे सर्वेक्षण से पता चलता है कि यह युवाओं और बड़े शहरों में एक सामान्य घटना बनती जा रही है. वक्त आ गया है कि इस मुद्दे को हल करने के लिए विभिन्न हितधारक एक साथ आगे आए.

सर्वेक्षण में यह पता चलता है कि जब पेशेवर जीवन की बात आती है, तो कम आय (55फीसदी), काम पर प्रतिस्पर्धा (24 फीसदी) और खराब प्रदर्शन (21 फीसदी) लोगों में चिंता पैदा करने के मुख्य कारण हैं. अत्यधिक चिंता और तनाव से पीड़ित होने पर व्यक्ति उदास हो सकता है. यदि समय पर सलाह नहीं दी गई तो हृदय रोग, अल्सर और कोलाइटिस जैसी शारीरिक समस्याएं पैदा हो सकती है. चिंता और तनाव प्रतिरोधक क्षमता भी घटाते है जो कोल्ड से ले कर कैंसर तक की स्थितियों के प्रति लोगों को संवेदनशील बना देता है.