नई दिल्ली: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर ने शनिवार को कहा कि चुनावी वादे हमेशा अधूरे रह जाते हैं और राजनीतिक दलों को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
राजनीतिक दलों पर बरसते हुए कहा कि सीजेआई ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के घोषणापत्र में आर्थिक सुधार और आर्थिक तथा सामाजिक न्याय के संवैधानिक लक्ष्य के बीच कोई तालमेल नहीं दिखता। सीजेआई खेहर ने यह टिप्पणी आर्थिक सुधारों के संदर्भ में चुनावी सुधार को लेकर आयोजित एक सेमिनार के दौरान यह बात कही।
खेहर ने यह टिप्पणी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के मौजूदगी में कही। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल के सदस्य चुनावी वादे पूरा ना होने पर 'निर्लज्ज' बहाने देते है और उसे सही ठहराते हैं।
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