लखनऊ: भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ के तत्वावधान में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर 1, विधायक निवास, राॅयल होटल स्थित सभा कक्ष में ‘‘अवसाद के कारण व निवारण’’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता लोक स्वास्थ्य संघ के अध्यक्ष देवी प्रसाद यादव एवं संचालन डा0 सुनील ने किया।
परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए समाजवादी चिन्तक एवं चिन्तन सभा के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि अवसाद पूँजीवाद एवं भौतिकवाद के अंधी-दौड़ का नतीजा है। सामाजिक सरोकारों से कटने के कारण व्यक्ति अपने आप में सिमट जाता है। जो उसके दायरे को संकुचित करती है। अवसाद एक व्यापक मनो-सामाजिक बीमारी है। इस बीमारी के खतरे को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया में विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में अवसाद पर खुली बहस चलाने का निर्णय लिया है।

अवसाद से पीड़ित युवा अपनी मानसिक एवं शारीरिक ऊर्जा का प्रयोग नहीं कर पाता है। वरिष्ठ दंत चिकित्सक डा0 सुनील ने कहा कि अवसाद का इलाज दवाआंे से अधिक हमारी संस्कृति एवं मान्यताओं से सम्भव है। यदि हम अपने महत्वाकांक्षा एवं दिनचर्या को सीमित रखें तो अवसाद पर काबू पा सकते हैं।

भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ के अध्यक्ष देवी प्रसाद यादव ने अवसाद पर व्यापक बहस चलाने पर जोर दिया और कहा कि किसी भी उम्र में अवसाद की बीमारी हो सकती है, लेकिन किशोर जल्दी ही अवसाद की चपेट में आ जाते हैं और अपना जीवन चैपट कर बैठते हैं। भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ अवसाद जनित गरीब युवाओं की निःशुल्क काउंसलिंग का अभियान वरिष्ठ मनोचिकित्सकों के मार्गदर्शन में चलाएगा।
इस अवसर पर डा0 बी0बी0 यादव, दिनेश त्रिपाठी, पतंजलि योग के विशाल पाण्डेय, नरेन्द्र वर्मा, पुनीत पाण्डेय, प्रभात मिश्रा और प्रतीक शुक्ला आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।