नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधान सभा के चुनाव परिणाम देखने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने जो आरोप ईवीएम मशीनों पर लगाए हैं उस पर बहस शांत होती नहीं दिख रही है। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चैलेंज तक दे डाला। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग कहता है कि ईवीएम मसीनों के साथ किसी तरह की छेड़खानी नहीं हो सकती, हम कहते हैं कि चुनाव आयोग 72 घंटों के लिए हमें ईवीएम मशीन सौंप दे। हम 72 घंटों में मशीन को टेंपर करके दिखा देंगे। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के निकाय चुनावों में बैलट पेपर से ही वोटिंग कराने की गुहार लगाई है। केजरीवाल ने मध्य प्रदेश के भिंड में पकड़ी गई ईवीएम मशीन पर भी सवाल उठाए हैं।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भिंड में किसी भी बटन को दबाने पर बीजेपी की स्लिप निकल रही थी। केजरीवाल ने सवाल उठाया कि मध्य प्रदेश में यूपी के कंडिडेट की पर्ची क्यों निकल रही थी। इस मशीन को केजरीवाल ने कानपुर के गोविंदनगर विधानसभा सीट पर इस्तेमाल मशीन बताते हुए पूछा कि आखिर ये यूपी से एमपी क्यों लाई गई। कानून कहता है कि एक बार मशीन से वोटिंग होने पर उस मशीन का इस्तेमाल अगले 45 दिनों तक नहीं कर सकते हैं। फिर चुनाव आयोग के कानून की धज्जियां क्यों उड़ाइ गईं।

वोटिंग मशीन में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर पर भी दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया। अरविंद केजरी वाल ने कहा कि पता नहीं इन मशीनों में ऐसा कौन सा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल होता है जिसे लेकर चुनाव आयोग इतना आश्वस्त है। आयोग को चुनौती देते हुए अरविंद केजरी वाल ने कहा कि आयोग हमें सिर्फ 72 घंटों के लिए ईवीएम दे दे, फिर हम दिखा देंगे कि कैसे री-राईट भी किया जा सकता है और री-रीड भी।