लखनऊ: जिस टुंडे कबाब की दुकान पर सुबह से शाम तक सैकड़ों की तादाद में नॉनवेज खाने वालों का तांता लगा रहता था, वहां आज कारोबारियों की हड़ताल की वजह से ताला लटक गया है. टुंडे कवाबी के मालिक मोहम्मद उस्मान का कहना है कि असल में कबाब बनाने में भैंस के मीट का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यूपी में बंद हुए अवैध स्लॉटरहाउस की वजह से पूरे प्रदेश में मीट की आपूर्ति प्रभावित हुई है. इसी वजह से पूरा धंधा ठप पड़ गया है.
उस्मान की माने तो जो मुल्क का 'बादशाह' होता है उसे सोच समझकर फैसला लेना चाहिए. वो सबका अन्न दाता होता है. ऐसे में योगी सरकार जो भी फैसला लेगी उससे सबका साथ, सबका विकास होगा. वहीं सरकार को साफ-सुथरे बूचड़खाने का निर्माण करवाना चाहिए. अचानक किसी भी बूचड़खानों पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. सरकार नया कानून लाए.
टुंडे कबाब के मालिक मोहम्मद उस्मान ने बताया कि उनके दादा ने ये खास कबाब बनाना शुरू किया था और तब से लेकर आज तक ये कबाब नजीराबाद स्थित पुश्तैनी दुकान से ही बिक रहे हैं. हालांकि भैंस के मीट की कमी के वजह से उन्हें अपनी दुकान 4 दिनों से बंद करनी पड़ी है.
उन्होंने बताया कि वो रोजाना 60-70 हजार रुपये का कारोबार कर लेते थे. लेकिन हड़ताल की वजह से पूरा धंधा ठप पड़ गया है. उस्मान बताते है कि उनकी दुकान में रोजाना 40 क्विंटल भैंस के मांस का कबाब बनाया जाता है लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि 2 क्विंटल मीट मिलना मुश्किल हो गया है.
दरअसल, यूपी की राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अनेक जिलों में बूचड़खाने बंद किए जाने से नॉनवेज परोसने वाले होटलों और रेस्त्रां को पहले से ही दिक्कत हो रही है. अब मीट कारोबारियों और मछली विक्रेताओं के भी हड़ताल पर जाने से ऐसे प्रतिष्ठानों पर बंदी की आशंका है.
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