नई दिल्ली: अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली को पूरे देश में अमल में लाने की दिशा में आगे बढते हुए आज चार विधेयक लोकसभा में पेश किये गए। इन पर संसद की मुहर और अलग से तैयार राज्य जीएसटी विधेयक को सभी राज्यों की विधानसभाओं में मंजूरी मिलने के बाद पूरे देश में जीएसटी व्यवस्था को लागू करने की विधायी प्रक्रिया पूरी हो जायेगी। जीएसटी के लागू होने पर केन्द्रीय स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, सेवाकर और राज्यों में लगने वाला मूल्य वर्धित कर (वैट) सहित कई अन्य कर इसमें समाहित हो जायेंगे। जीएसटी परिषद पहले ही जीएसटी व्यवस्था में चार दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत तय कर चुकी है। लक्जरी कारों, बोतल बंद वातित पेयों और तंबाकू उत्पाद जैसी अहितकर वस्तुओं पर इसके अतिरिक्त उपकर भी लगाया जायेगा।

लोकसभा में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों — केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 :सी-जीएसटी बिल:, एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (आई-जीएसटी बिल) संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 (यूटी-जीएसटी बिल) और माल एवं सेवाकर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017 शामिल हैं। केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि मानव उपभोग के लिए एल्कोहल लिकर के प्रदाय को छोड़कर माल या सेवाओं या दोनों के सभी अंतरराज्यीय प्रदायों पर अधिसूचित की जाने वाली दर से कर लेना होगा जो सेवा कर परिषद द्वारा सिफारिश किये गए अनुसार 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।

इलेक्ट्रानिक वाणिज्य प्रचालकों पर, उनके पोर्टलों के माध्यम से माल या सेवाओं का प्रदाय करने वाले प्रदाताओं को किये जाने वाले संदायों में से, ऐसी दर पर, जो कराधेय प्रदायों के शुद्ध मूल्य के एक प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, साथ ही स्रोत पर कर की कटौती करने की आध्यता अधिरोपित करने का उपबंध भी करता है। यह पंजीकृत व्यक्ति द्वारा संदेय करों के स्वनिर्धारण के लिए उपबंध करना और कर के उपबंध के अनुपालन का सत्यापन करने के लिए पंजीकृत व्यक्तियों की संपरीक्षा का संचालन करने का उपबंध करता है।
इसमें कराधेय व्यक्ति के माल को निरूद्ध या उनका विक्रय करने, उनकी स्थावर सम्पत्ति को निरूद्ध करने सहित विभिन्न पद्धतियों का उपयोग करते हुए कर के बकाये की वसूली का उपबंध किया गया है।