लखनऊ: मीट की दुकानें बंद होने से सिर्फ इंसान ही परेशान नहीं हैं. मांस की कमी के चलते सैफई, इटावा में गुजरात के बब्बर शेर भी भूखे हैं. लखनऊ में बंगाल टाइगर भी मांस का इंतजार कर रहे हैं. मांस से पेट भरने वाले चिड़ियाघर के दूसरे जानवरों के सामने भी परेशानी खड़ी हो गई है.

लायन सफारी, सैफई, इटावा में गुजरात से आए आठ बब्बर शेर हैं. दो छोटे बच्चे भी हैं. सफारी के निदेशक संजय श्रीवास्तव की मानें तो आठ बड़े शेरों को एक दिन में 50 किलो भैंस का मीट चाहिए होता है. सफारी में मीट सप्लाई का ठेका भी दिया हुआ है. लेकिन सोमवार से भैंस के मीट की परेशानी खड़ी हो गई है.

प्रदेश भर में भैंस के अवैध कटान और बिक्री पर रोक लगा दी गई है. जिसके चलते सफारी को मांस की सप्लाई बंद हो गई है. संजय बताते हैं कि हम मीट का रास्ता निकाल रहे हैं. बब्बर शेरों को खाने के लिए चिकन दिया जा सकता है. लेकिन सैफई के माहौल में अपने को ढाल रहे बब्बर शेरों को क्या चिकन कोई नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा, इस सवाल के जबाव में निदेशक ने कोई जबाव नहीं दिया और फोन काट दिया.

शेर, टाइगर, लैपर्ड सहित मीट खाने वाले दूसरे जानवरों के लिए भी मांस की परेशानी खड़ी हो गई है. एलेन फॉरेस्ट जू और नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गॉर्डन के प्रशासन के सामने भी भैंस के मीट की परेशानी आ रही है. हालांकि दोनों ही जू का कोई भी अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि हम दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं. सूत्रों की मानें तो दोनों ही जू प्रशासन को करीब 100 से 150-150 किलो भैंस के मीट की जरूरत होती है.