मुख्यमंत्री ने शास्त्री भवन में कार्य व्यवस्था और साफ-सफाई की स्थिति को परखा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सभी सरकारी कार्यालयों, चिकित्सालयों तथा शिक्षण संस्थानों में पान, गुटखा, तम्बाकू, पान-मसाले पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का निर्देश देते हुए उन्होंने इन परिसरों में पाॅलीथीन के प्रयोग को प्रतिबंधित करने के लिए भी कहा है।

मुख्यमंत्री श्री योगी आज यहां शास्त्री भवन (एनेक्सी) का निरीक्षण कर रहे थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद शास्त्री भवन में अपने प्रथम आगमन की शुरुआत उन्होंने निरीक्षण कार्य से की। इस दौरान उन्होंने भवन के प्रत्येक तल स्थित विभिन्न अनुभागों में जाकर वहां की कार्य व्यवस्था और साफ-सफाई की स्थिति को मौके पर परखा तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

मुख्य सचिव को एक सप्ताह में पत्रावलियों के रख-रखाव और निस्तारण प्रक्रिया को व्यवस्थित करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने इसी अवधि में शास्त्री भवन सहित सचिवालय के अन्य भवनों की साफ-सफाई को दुरुस्त करने की अपेक्षा भी की। उन्होंने निर्देशित किया कि इसी प्रकार की व्यवस्था अधीनस्थ कार्यालयों में भी सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने कहा कि शास्त्री भवन के पंचम तल स्थित सभाकक्ष में सायं 06 बजे से रात्रि 10 बजे की अवधि में विभागीय प्रेजे़न्टेशन तथा विभागवार समीक्षा की जाएगी। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव को समय सारणी निर्धारित करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि शास्त्री भवन भू-तल स्थित सभाकक्ष में समीक्षा बैठकों के आयोजन से इसकी उपयोगिता बनी रहेगी। उन्होंने सभाकक्ष का समुचित रख-रखाव एवं स्वच्छता सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान श्री योगी ने सफाई व्यवस्था पर विशेष बल दिया। उन्होंने अधिकारियों से यह अपेक्षा भी की कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करें। वर्तमान में स्वच्छता सप्ताह मनाया जा रहा है। विगत दिवस वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वच्छता की जो शपथ ली है, वह केवल औपचारिकता न रहे, बल्कि एक उदाहरण के तौर पर साकार की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी उनके स्तर से (मुख्यमंत्री) इसी प्रकार आकस्मिक निरीक्षण कर निर्देशों के अनुपालन की स्थिति का जायजा लिया जाएगा।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने जगह-जगह लटकते बिजली के ढीले तारों पर गहरी आपत्ति जतायी। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को तत्काल सुधारा जाए। उन्होंने विभिन्न तलों पर स्थित वाॅश बेसिन की सफाई को भी बारीकी से परखा। उन्होंने शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने वाली आर ओ मशीन के सुचारु एवं सही संचालन पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के पास रुपए होंगे, वह मिनरल वाॅटर की बोतल खरीद सकता है। मगर यहां कार्य करने वाले तथा आने वाले ज्यादातर लोग इन्ही आर ओ मशीन का पानी इस्तेमाल करते हैं। इसलिए इनका मानकों के अनुरूप संचालन सुनिश्चित कराना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निशमन यंत्रों की फिटनेस का भी सत्यापन कराया जाए।

विभिन्न अनुभागों के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रावलियों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया। अनुभागों में बाहर रखी फाइलों पर जमी धूल पर उन्होंने गहरी नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि गलियारों में किसी भी दशा में अलमारियां एवं फर्नीचर नहीं रखा जाना चाहिए। यदि वे उपयोगी नहीं हैं तो इनकी नियमानुसार नीलामी की व्यवस्था कराते हुए प्राप्त धनराशि को सरकारी कोष में जमा कराया जाए।

श्री योगी ने कहा कि प्रदेश की जनता ने परिवर्तन के लिए अपना जनादेश दिया है। इसलिए व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के लिए जरूरी है कि सरकारी कार्यालयों में एक नई कार्य संस्कृति का विकास हो ताकि राज्य सरकार जनता की आकांक्षाओं पर खरी साबित हो सके। व्यवस्थित और स्वच्छ वातावरण में कार्य करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं। इसके दृष्टिगत अधिकारी और कर्मचारी टीम भावना के साथ कार्यालयों/अनुभागों में पत्रावलियों के व्यवस्थित रख-रखाव तथा स्वच्छता व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि सरकारी कामकाज का पुराना और लचर रवैया किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा दायित्व निर्वहन में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने भू-तल स्थित सूचना विभाग की विभिन्न इकाइयों की कार्यप्रणाली की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मुख्य सचिव कार्यालय, गृह, गोपन, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, नियुक्ति विभागों के विभिन्न अनुभाग तथा पंचम तल का निरीक्षण किया

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मुख्य सचिव राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।