आदित्यनाथ योगी ने लोक सभा में सांसद के रूप में वित्त विधेयक पर चर्चा की

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की नई सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य के अन्दर ‘सबका साथ, सबका विकास’ की तर्ज पर विकास का एक नया ढांचा देगी, जिसके तहत समाज के सभी वर्गों और राज्य के प्रत्येक नागरिक व क्षेत्र के विकास के लिए कार्य किया जाएगा। उत्तर प्रदेश देश का एक उत्कृष्ट राज्य होगा, जो भ्रष्टाचार, दंगों, अराजकता व गुण्डागर्दी से मुक्त होगा। विकास का एक ऐसा माॅडल दिया जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के नौजवानों को पलायन नहीं करना पड़ेगा। माताओं और बहनों की सुरक्षा होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को साकार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आज लोक सभा में सांसद के रूप में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा कि पिछले 03 वर्षों में दृढ़ता के साथ देश की विकास दर को आगे बढ़ाकर और एक कल्याणकारी सरकार की स्थापना कर सुशासन स्थापित करने में केन्द्र की मोदी सरकार सफल हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले 03 वर्ष के दौरान केन्द्र सरकार ने विकास दर को 8.5 प्रतिशत तक ले जाने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि जन-धन योजना के माध्यम से देश के अन्दर 25 करोड़ गरीब परिवारों के खाते खोलना, देश के गरीबों के प्रति सरकार की सोच का प्रदर्शित करता है। उन्होंने डिजिटल इण्डिया, स्टार्टअप इण्डिया, प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना आदि की चर्चा करते हुए कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से देश और दुनिया में भारत एक आदर्श माॅडल के रूप में सबके सामने प्रस्तुत हुआ है।

श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का दायित्व उन्हें सौंपा गया है, जिसका वे निर्वहन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई वर्षों के दौरान केन्द्र की मोदी सरकार ने ढाई लाख करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश को दिए, लेकिन इस दौरान मात्र 78 करोड़ रुपए ही उत्तर प्रदेश के अन्दर व्यय हो पाए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का फर्टिलाइजर कारखाना 26 वर्षों से बन्द था, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस कारखाने का कार्य शुरू कराया और वर्ष 2019 के पहले खाद उत्पादन का कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। इसी प्रकार पूर्वी उत्तर प्रदेश के इंसेफ्लाइटिस से प्रभावित जनपदों की पीड़ा को किसी ने नहीं समझा। प्रधानमंत्री ने गोरखपुर को एम्स जैसा संस्थान दिया।