लखनऊ: उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये सवाल पूरे देश को 11 मार्च से मथे हुए था। जब शनिवार 18 मार्च को ये साफ हुआ कि भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बनेंगे तो ये बहस चल पड़ी कि उनका चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मर्जी से हुआ है बेमर्जी से? इस सवाल से जुड़ी तमाम अटकलबाजियों के बीच अब ये रिपोर्ट आने लगी है कि पीएम मोदी ने योगी के नेतृत्व में चलने वाले उत्तर प्रदेश प्रशासन पर सीधी नजर रखने के लिए अपने एक खास नौकरशाह को नियुक्त किया है। इस नौकरशाह का काम प्रधानमंत्री कार्यालय और आदित्यनाथ सरकार के बीच समन्वय बनाना है। ये नौकरशाह कोई और नहीं प्रधानमंत्री मोदी के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा हैं। आपको याद होगा कि जब साल 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने यूपी कैडर के आईएएस नृपेंद्र मिश्रा को केंद्र में बुलाया था।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार नृपेंद्र मिश्रा पीएम मोदी और सीएम आदित्यनाथ के बीच संपर्क सेतु होंगे। रिपोर्ट के अनुसार मिश्रा ने रविवार (19 मार्च) शाम को सीएम आदित्यनाथ से 45 मिनट तक चर्चा की। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश प्रशासन में सभी प्रमुख नियुक्तियां मिश्रा से चर्चा करने के बाद ही होंगी। आदित्यनाथ ने रविवार को दो डिप्टी सीएम और 44 मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण किया। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया गया। भाजपा ने यूपी की सत्ता में 15 साल बाद वापसी की है।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि मिश्रा और आदित्यनाथ ने गरीबों तक सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाने पर चर्चा की। 44 वर्षीय आदित्यनाथ यूपी की गोरखपुर संसदीय सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं। सीएम पद की शपथ लेते ही उन्होंने राज्य के पुलिस प्रमुख और प्रमुख सचिव को तलब करके कानून-व्यवस्था का जायजा लिया।