लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी अपने मंत्रिमण्डल में आरएसएस से जुड़े पार्टी पदाधिकारियों को भी अहमियत देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। ऐसे में केवल विधायक नहीं विधान परिषद सदस्य मंत्रिमंडल में जगह पा सकते हैं।

भाजपा के आरएसएस कॉडर के क्षेत्रीय मंत्री पहले से ही एमएलसी हैं। इनमें काशी प्रांत के क्षेत्रीय मंत्री लक्ष्मण आचार्य एमएलसी, अवध प्रांत के मुकुट बिहारी वर्मा विधायक, पश्चिम क्षेत्रीय मंत्री के भूपेन्द्र चौधरी एमएलसी हैं ही, साथ ही एक अन्य एमएलसी डा. महेन्द्र सिंह भी मंत्री बनने की रेस में हैं। डा. महेन्द्र सिंह को परिवर्तन यात्राओं का सफल पूर्वक संचालन करने के कारण मंत्री बनाकर इनाम दिया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार भाजपा की विचारधारा में केवल मुसलमान ही अल्पसंख्यक नहीं हैं। ऐसे में सिख समुदाय के रामपुर की बिलासपुर सीट से जीते बलदेव ओलख का मंत्री बनना तय है। बलदेव ओलख को मंत्रिमंडल में स्थान देकर पार्टी एक तीर से दो निशाने साध सकती है। एक बलदेव सिख हैं तो दूसरे रामपुर से एक मंत्री बनाकर आजम खां के गढ़ में सेंध में लगाने की कोशिश हो सकती है।

इलाहाबाद पश्चिम से जीते सिद्धार्थ नाथ सिंह और मथुरा के विधायक श्रीकांत शर्मा मंत्रिमंडल में स्थान पा सकते हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह के बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इलाहाबाद पश्चिम की चुनावी सभा में लोगों से कहकर आए थे कि आप केवल एक विधायक नहीं चुन रहे हैं। इनको काफी ऊपर ले जाएंगे।

इसी तरह ओबीसी को दिए गए 112 टिकटों में 15 जाटव समाज के लोग जीत कर आए हैं। बसपा का वोट बैंक माने जाने वाले जाटवों को अपनी झोली के डालने के प्रयास में भाजपा आगरा कैण्ट (सु.) के अनुभवी विधायक डा.जी.एस. धर्मेश को भी मंत्री बना सकती है। वैश्यों को प्रतिनिधित्व देने के लिए बरेली कैण्ट से पिछले कई बार से जीत रहे राजेश अग्रवाल और बाह्मण चेहरे के तौर पर लखनऊ मध्य से जीते ब्रजेश पाठक भी मंत्रिमण्डल में स्थान पा सकते हैं।