वर्तमान कार्यकारिणी पर लगी डिप्टी रजिस्ट्रार की मुहर, पूर्व में दिए आर्डर हुए निरस्त

लखनऊ। पूर्व में डा.विजय सिन्हा द्वारा यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन की वैधता पर लगाए गए प्रश्नचिन्ह को विराम देते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार, लखनऊ ने अपने पूर्व आदेश को निरस्त करते हुए संशोधित नवीन आदेश जारी किया है। डिप्टी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता ने बीती 10 मार्च को जारी अपने एक नवीनतम आदेश में यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन को वैध ठहराया है। इस आदेश में डा.विजय सिन्हा व केसी श्रीवास्तव के पक्ष में पूर्व में दिए गए आदेश को खारिज करते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार ने उन पर कृट रचना, भ्रामक साक्ष्य प्रस्तुत करने व साक्ष्यों को छुपाने का आरोप लगाया हैं।

डिप्टी रजिस्ट्रार ने अपने नवीन आदेश में यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन की वर्तमान कार्यकारिणी (चेयरमैन पूर्व केंद्रीय मंत्री डा.अखिलेश दास गुप्ता, अध्यक्ष आलोक रंजन व सचिव अरुण कक्कड़) को कानूनी रूप से वैध ठहराया है। वहीं विजय सिन्हा द्वारा पूर्व में लगाए गए आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
हालिया जारी आदेश में डिप्टी रजिस्ट्रार, फर्म, सोसाइटीज और चिटस, लखनऊ डिवीजन ने यह माना कि उत्तर प्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन की मौजूदा प्रबंध समिति अपने मौजूदा उपनियमों के अनुरूप है।
बीती दस मार्च को पारित एक व्यापक समीक्षा आदेश में डिप्टी रजिस्ट्रार ने पूर्व में तीन फरवरी को दिए अपने उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें यूपीबीए की प्रबंध समिति को 1 9 83 के बाद से कालातीत घोषित कर दिया गया है।

इस संबंध में यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन सोसायटी के कार्यकारी सचिव अरुण कक्कड़ को समीक्षा आवेदन दायर करने की अनुमति देते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार ने कहा कि पूर्व में उनके द्वारा दिया गया आदेश शिकायकर्ता केसी श्रीवास्तव और डा.विजय सिन्हा (तत्कालीन सचिव) द्वारा प्रस्तुत किए भ्रामक व गलत साक्ष्यों पर आधारित था। डिप्टी रजिस्ट्रार ने यह भी पाया कि केसी श्रीवास्तव व डा. विजय सिन्हा ने गुपचुप सांठगांठ के तहत केस दायर किया था और डा.विजय सिन्हा ने उन तथ्यों व दस्तावेजों को जानबूझकर दबाते हुए छुपा दिया था जो यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन की सोसायटी के पक्ष में आवश्यक व कानूनी रुप से जरूरी थे। डिप्टी रजिस्ट्रार ने समीक्षा आवेदन में आदेश में यह भी पाया कि विजय सिन्हा ने केसी श्रीवास्तव के साथ मिलकर खुद एक पार्टी के रूप मेें रजिस्ट्रार सोसायटी के सामने पेश हो गए और साजिशन संस्था के पते की जगह अपने निजी आवास का पता दिया तथा उन्होंने यह साजिश तब अंजाम दी जब उनके व उनके पुत्र के खिलाफ एसोसिएशन ने कार्यवाही शुरू कर दी। डा.विजय सिन्हा ने केसी श्रीवास्तव के द्वारा रजिस्ट्रार के यहां साजिशन आवेदन जारी करवाया।

इस आदेश के क्रम में रजिस्ट्रार ने शिकायतकर्ता व पूर्व सचिव विजय सिन्हा से समीक्षा आवेदन पर आपत्तियां मांगी थी तथा इन आपत्तियों व संबंधित पक्षों को सुनने के बाद वर्तमान आदेश जारी किया। रजिस्ट्रार ने बीती 10 मार्च को जारी इस आदेश में साफ किया है कि है कि यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन की वर्तमान प्रबंधन समिति कानूनी रूप से वैध और संबंधित प्राधिकरण के नियमों के अनुरुप है और एसोसिएशन द्वारा बैडमिंटन और खिलाडिय़ों के उत्थान के लिए सही दिशा में काम कर रही है।

डिप्टी रजिस्ट्रार के उक्त आदेश से यह तथ्य भी साफ पता चलता है कि डॉ. विजय सिन्हा उत्तर प्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन के हितों के खिलाफ कार्य कर रहे थे। इसको देखते हुए एसोसिएशन ने अपनी एजीएम में डॉ. विजय सिन्हा के खिलाफ एक्शन भी लिया था तथा बालिका खिलाडिय़ों से छेड़छाड़, यौन शोषण, धोखाधड़ी, बालिका खिलाडिय़ों को बंधक बनाने, उनके साथ मारपीट करने और उगाही के आरोपों से घिरे विजय सिन्हा और उनके पुत्र निशांत सिन्हा केे खिलाफ अदालत द्वारा गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है तथा दोनों पुलिस की कार्यवाही से बचने के लिए फरार चल रहे हैं।

बैडमिंटन अकादमी में इंडोनेशियाई कोच डुई क्रिस्टियावान व मो. मिफ्ताह की हुई नियुक्ति

हेंद्रा मुलियानो के बाद अब प्रदेश के शटलरों को संवारने की जिम्मेदारी एक बार फिर से इंडोनेशियाई कोचों के जिम्मे सौंपी गई है। इसके लिए भारतीय खेल प्राधिकरण की तरफ से दो इंडोनेशियाई कोचों की नियुक्ति बाबू बनारसी दास यूपी बैडमिंटन अकादमी में तीन साल के लिए कर दी गयी हैं।

यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन के कार्यकारी सचिव अरूण कक्कड़ व कोषाध्यक्ष सुधर्मां सिंह के अनुसार डुई क्रिस्टियावान व मो. मिफ्ताह नामक यह कोच अकादमी के शटलरों को ट्रेनिंग देने के अलावा लखनऊ में लगने वाले भारतीय जूनियर बैडमिंटन टीम के शिविर में शामिल खिलाड़ियों के हुनर को निखारने के लिए भी कार्य करेंगे।

सचिव अरुण कक्कड़ के अनुसार 2020 में टोक्यो ओलंपिक के मद्देनजर इन कोचों की नियुक्ति को हरी झंडी मिली है तथा इन विदेशी कोचों के साथ से प्रदेश के शटलरों से आने वाले समय में अच्छे परिणाम की उम्मीद की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि रियो ओलंपिक में मेरठ के मनु अत्री सहित प्रदेश के कई अच्छे खिलाड़ी है जो नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इंडोनेशियाई कोचों के प्रशिक्षण से इनके खेल कौशल में सुधार होगा तथा इससे आने वाले समय में काफी बेहतर परिणाम मिलेंगे।

साइना के कोचिंग स्टाफ में रहे है डुई क्रिस्टियावान, इंडोनेशिया के माने हुए शटलर रहे हैं दोनों कोच
इंडोनेशियाई के दोनों कोच डुई क्रिस्टियावान व मो. मिफ्ताह दोनों कोच अपने समय के माने हुए सिंगल्स प्लेयर है जो अपने देश की ओर से कई टूर्नामेंटों में हिस्सा ले चुके हैं।

इनमें डुई क्रिस्टियावान 2012 से भारतीय टीम के साथ है तथा वह लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल के कोचिंग स्टाफ में भी शामिल रहे है। वहीं उसके बाद भी वह कई बार भारतीय बैडमिंटन टीम के कोचिंग स्टाफ में भी जुड़ेे रहे हैं।

वहीं मो.मिफ्ताह की नियुक्ति 2015 में की गई है तथा वह भी रियो ओलंपिक सहित कई अन्य टूर्नामेंटों में भारतीय शटलरों के निखार में अहम योगदान कर चुके है। यह दोनों कोच अभी तक हैदराबाद स्थित पुलेला गोपीचंद अकादमी में तैनात रहे है तथा भारतीय टीम के ओलंपिक अभियान की संभावनाओं को बढ़ाने में अहम भूमिका रही है तथा अब इनके ऊपर प्रदेश के शटलरों के हुनर को निखारने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह दोनों कोच यहां 2020 तक तैनात रहेंगे।

कोच डुई क्रिस्टियावान ने कहा कि मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि आने वाले समय में प्रदेश से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के और बेहतर शटलर निकले। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शटलर काफी प्रतिभाशाली है तथा मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन परिदृश्य में यूपी का दबदबा और बढ़ेगा। मुझे उम्मीद है कि जब 2020 के टोक्यो ओलंपिक मेंं भारत की बैडमिंटन में दावेदारी होगी तो उसमें यूपी के शटलरों की भी अच्छी खासी हिस्सेदारी रहेगी।

अब बाबू बनारसी दास यूपी बैडमिंटन अकादमी में नियुक्त कोचों की संख्या छह हो गई है जिसमें प्रेम कुमार की नियुक्ति भारतीय खेल प्राधिकरण की ओर से की गई है। इसके अलावा विनय मुकाती व सूरज भट्ट तथा रविंदर सिंह भी अकादमी में कोच है। इसमें रविंदर सिंह हाल ही में डच ओपन व जर्मन ओपन में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय जूनियर बैडमिंटन टीम के भी कोच रहे हैं।
वर्तमान में अकादमी के मुख्य कोचिंग निदेशक पदमश्री बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद है।