रघुवर दास

मैं झारखण्ड जैसे जीवंत राज्य से हूँ और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में बदलाव लाने के राज्य के मिशन के साथ हूँ। मैं यह नहीं कहूंगा कि हमारे पास जादू की छड़ी है। हमारे सामने बहुत सी चुनौतियां हैं लेकिन अगर आपने अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित कर लिया है और आप इसे पाने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ लगातार आगे बढ़ रहें हैं, तो आपके छोटे-छोटे कदम भी आपको विशाल प्रगति की ओर ले सकते हैं और एक प्रभावी बदलाव लाने में मददगार हो सकते हैं। राज्य स्तर पर नेतृत्व के मुद्दे, जिनका समाधान बढ़ती अशांति या लोगों की महत्वाकांक्षाओं के साथ नहीं किया जा सकता, पूरी तरह से स्पष्ट हो जाते हैं जब लोग बदलाव के लिए अपना मतदान करते हैं।

वे लोग जो मेरे राज्य के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं, उन्हें मैं बताना चाहूंगा कि झारखण्ड के पास भारत की 40 फीसदी खनिज सम्पदा है। कोयले की बात करें तो भारत के एक तिहाई भण्डार के साथ इसे देश की कोयला राजधानी कहा जा सकता है। यह कोयले की दृष्टि से पहले, लौह अयस्क की दृष्टि से दूसरे, काॅपर यानि तांबे के अयस्क की दृष्टि से तीसरे, फायर क्ले और बेंटोनाईट की दृष्टि से चैथे, क्रोमाईट और वर्मीकुलाईट की दृष्टि से पांचवें स्थान पर है…….. इसके अलावा बाॅक्साईट, डोलोमाईट और फेल्स्पार की अपार मात्रा यहां मौजूद है। और इन सब के बावजूद हम पर्याप्तता के विरोधाभास से पीड़ित हैं, जिसे ‘संसाधनों का अभिशाप’ कहा जा सकता है।

लम्बे समय से हमारी छवि बीमारू राज्यों जैसी बनी हुई है, इससे खुद-बखुद लोगों का आत्मविश्वास कम हो जाता है, वे अपने हाथों से अपना भाग्य बनाने में भरोसा नहीं कर पाते। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लोगों को अपने भाग्य पर भरोसा रखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, उन्हें बता रहे हैं कि उनके भविष्य को एक बेहतर मार्ग की ओर ले जाना अनिवार्य है।

इस अपूर्व विरासत के बावजूद, यह काम आसान नहीं दिखाई देता, लेकिन साथ ही लोगों ने हममें जो अपार भरोसा जताया है, वह हमें आगे बढ़ने और विकास की योजनाएं बनाने के लिए प्रेरित करता है।

झारखण्ड इस साल न केवल बजट में पहले स्थान पर रहा है, बल्कि इसे सही मायनों में लोगों द्वारा, लोगों के लिए और लोगों का प्रदेश बनाने हेतू हर सम्भव प्रयास किया गया है। पहली बार राज्य में पंचायतों और ज़िला प्रशासनों से सुझाव लिए गए। वास्तव में हमें 1,005 से ज़्यादा सुझाव मिले और हमने इस साल राज्य के वित्तीय वक्तव्य में इन सुझावों को शामिल करने का प्रयास किया है।

हमारे पाठकों को यह जानकर हैरानी होगी कि हाल ही में लाॅन्च की गई हमारी एक परियोजना के तहत आंगनवाड़ी के बच्चों को अण्डे वितरित करने से उनके स्वास्थ्य में कितना बदलाव आया है। वास्तव में हमारे बच्चे हमारे प्रदेश का भविष्य हैं और उनका स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत अधिक मायने रखता है। हम 1 अप्रैल 2017 तक 24 जिलों के 38400 आंगनवाड़ी केन्द्रों को कवर करेंगे। हमारे समाज में महिलाओं को पारम्परिक भूमिकाओं के लिए ही जाना जाता है। शहरी स्तर पर इस सोच में बदलाव आया है, किंतु इस दिशा में हमें अभी बहुत काम करना है। हम हमारी महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर, सशक्त बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं और साथ ही उनकी स्वास्थ्य सम्बन्धी ज़रूरतों को भी पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। कई महिला उन्मुख योजनाएं जैसे गायों का वितरण, राज्य के पुलिस बलों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण तथा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत निःशुल्क एलपीजी और स्टोव कनेक्शन उपलब्ध कराना इसी दिशा में हमारे कुछ प्रयास हैं।

साथ ही हम झारखण्ड की विकास यात्रा में उद्योग और कारोबार का महत्व समझते हैं। राज्य को ऐसे कारोबारों को बढ़ावा देना होगा जो इसके विकास की गति को त्वरित कर सकें। राज्य का विकास कृषि और उद्योग के विकास से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है। हम हमारे लोगों के उज्जवल भविष्य के लिए कारोबार और उद्योग के विकास पर काम करना चाहते हैं।

नए अवसरों के सृजन द्वारा हम हमारे युवाओं में छिपी क्षमताओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमें विकास के ऐसे संतुलित एवं न्यायसंगत माॅडल का निर्माण करना होगा जो समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की ज़रूरतों को पूरा कर सकें, लेकिन इन्हंे अवसर उपलब्ध कराना और समावेशी विकास की मुख्यधारा मंे शामिल करना सबसे महत्वपूर्ण है।
इनके भविष्य में ही हमारा भविष्य निहित है।

लेखक झारखण्ड के मुख्यमंत्री हैं।