नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को कहा कि 500 रुपए और 2,000 रुपए के करेंसी नोट को छापने पर 2.87 रुपए से 3.77 रुपए की लागत बैठती है लेकिन सरकार ने पुराने नोटों को नये नोटों से बदलने पर आई कुल लागत के बारे में कोई संकेत नहीं दिया। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 500 रुपए के प्रत्येक नोट को छापने पर करीब 2.87 रुपए से 3.09 रुपए की लागत बैठती है तथा 2,000 रुपए के प्रत्येक नोट को छापने पर करीब 3.54 रुपए से 3.77 रुपए की लागत बैठती है। उन्होंने कहा, ‘500 रुपए और 2,000 रुपए के नए नोटों को छापने पर आने वाली कुल लागत के बारे में संकेत देना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि अभी भी इनकी छपाई की जा रही है।’

मेघवाल ने यह जानकारी 500 और 200 के नए नोट की लागत के बारे में सवाल पूछे जाने के जवाब में दी। उन्होंने बताया कि लोगों की जरूरतों की पूरा करने के लिए नए नोट लगातार छापे जा रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मौजूदा सप्लायर से नए नोट प्रिंट करने के लिए पेपर ले रहा है। यह जानकारी मेघवाल ने दूसरे सवाल के जवाब में दी। साथ ही उन्होंने कहा, ‘सभी सप्लायर इस बात पर राजी हो गए थे कि भारतीय नोट पब्लिश होने वाले पेपर किसी अन्य पार्टी को सप्लाई नहीं किया जाएगा।’ एटीएम और बैंकों के रिकलिब्रेशन के सवाल पर मेघवाल ने कहा कि देशभर में 2.18 लाख एटीएम में से 1.18 लाख एटीएम मशीन 4 जनवरी 2017 तक रिकलिब्रेट किए गए थे।

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान कर दिया था। इसके साथ ही 2000 रुपए का नया नोट भी लॉन्च किया था। नोटबंदी के बाद से देश में कैश की काफी किल्लत हुई थीं। वहीं पीएम मोदी सरकार पर विपक्षी पार्टियों ने निशाना साधा था। विपक्षी पार्टियों ने कैश की किल्लत को लेकर भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था। साथ ही विपक्षी दलों ने कहा था कि मोदी सरकार ने इसे सही ढंग से लागू नहीं किया। वहीं कुछ एक ने कहा था कि इस फैसले से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा।