नई दिल्ली: उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आमिर रशादी मदनी संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह पर बयान देकर विवादों में आ गए हैं. मदनी ने दावा किया है कि सैफुल्लाह का एनकाउंटर फर्जी है और पुलिस पूरे मामले की गलत जानकारी दे रही है.
मदनी के इस बयान पर पुलिस भी हरक़त में आ गई है और यूपी एडीजी ला एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी ने एसएसपी कानपुर को उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और माहौल बिगाड़ने का मामला दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं. केस दर्ज होने के बाद भी मदनी ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि बटाला हाउस एनकाउंटर की तरह ही सैफुल्लाह का एनकाउंटर भी फर्जी है.

मदनी ने अपनी एक तक़रीर के दौरान सैफुल्लाह के एनकाउंटर को फर्जी बताया था और प्रदेश की सपा सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी भी की थी. मदनी अपनी तक़रीर में सिर्फ इतने पर ही नहीं रुके थे. उन्होंने मुस्लिम समाज से इस एनकाउंटर के खिलाफ एकजुट होने की अपील भी की थी.

मदनी ने दावा किया है कि सैफुल्लाह का एनकांउटर फर्जी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि आतंकी सैफुल्लाह नहीं है, आतंकी तो सरकार है. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि पुलिस वालों ने सैफुल्लाह को घर के अंदर बंधक बना रखा था और उसके एनकाउंटर वाली पुलिसिया कहानी झूठ है.

शुक्रवार दोपहर मौलाना मदनी सैफउल्लाह, इमरान और आतिफ के घर भी गए थे. मदनी ने सभी के परिजनों से अलग-अलग मुलाक़ात करने के बाद मीडिया के सामने सैफुल्लाह का एनकाउंटर फर्जी होने का दावा कर दिया. उन्होंने डीजीपी दलजीत के बयान पर भी संदेह जाहिर किया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे एनकाउंटर का मास्टरमाइंड एडीजी हैं, जो हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा आरएसएस और बीजेपी के साथ अखिलेश सरकार ने मिलकर यह काम किया है.