सरकारी और प्राइवेट बैंकों द्वारा ग्राहकों से कैश ट्रांजेक्शन और एटीएम निकासी पर वसूला जाने वाले चार्ज को हटाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने सभी बैंकों (प्राइवेट बैंकों समेत) से कैश ट्रांजैक्शन और ATM से तय सीमा के बाद विदड्रॉल पर चार्ज लगाने के फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है। सरकारी क्षेत्र के बैंक एसबीआई समेत प्राइवेट सेक्टर के बैंक एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक ने ब्रान्च से तय लिमिट से ज्यादा पैसे निकालने और तय बार से ज्यादा ट्रांजैक्शन करने पर लेवी चार्ज लगाने की घोषणा की गई थी।

इसके अलावा सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक से 1 अप्रैल से अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी लगाने के निर्णय पर भी फिर से विचार करने के लिए कहा है। एसबीआई की ओर से न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने को अनिवार्य बताते हुए तय रकम न होने पर फाइन लगानी की जानकारी दी थी। महानगरीय इलाकों में खातों के लिए न्यूनतम 5,000 रुपये, शहरी क्षेत्रों में 3,000, अर्ध शहरी क्षेत्रों में 2,000 तथा ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी होगा। खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रहने पर 1 अप्रैल से जुर्माना लगाया जाएगा।