लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने मथुरा के जवाहरबाग काण्ड की पुलिस तफ्तीश पर तीखे सवाल उठाये है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने कहा कि जांच में जानबूझ कर हर कदम पर लापरवाही बरती गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सबसे बड़ी हिंसा की जांच में जानबूझ कर कोताही बरती गई। जांच में लापरवाही का मतलब मामले को रफा-दफा करना था। जवाहरबाग काण्ड प्रदेश में सपा सरकार के जंगल राज का जीता जागता उदाहरण है।

डा0 मिश्र ने कहा जवाहरबाग काण्ड में गवाह ऐसे बनाये जो मुकरने लगे। कई गवाह पहंुचे ही नही। जो लोग पकड़े गये उनकी शिनाख्त भी पीड़ितों से नहीं कराई गई। बरामद असलहों पर फ्रिंगर प्रिंट तक नहीं तलाशे गये। जब हिंसा हुई थी तथा तमाम लोग घायल हुए तो किसी के खून से सनी शर्ट या फिर दूसरा कपड़ा जांच के लिए फारेन्सिक लैब नहीं भेजा गया।

डा0 मिश्र ने कहा कि क्या रामवृक्ष यादव और उसके समर्थक बिना सपा सरकार के और मुख्यमंत्री के संरक्षण के लगभग 28 महीनों तक जवाहरबाग में कब्जा बनाये रख सकते थे ? उस समय एक बार भी वीडियों ग्राफी क्यों नहीं कराई गई ? सपा सरकार में गुण्डागर्दी की यह पराकाष्ठा थी।

डा0 मिश्र ने कहा कि आखिर पुलिस अपनी तफ्तीश में क्या सिद्ध करना चाहती थी ? अब माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी। प्रदेश में 11 मार्च को सपा सरकार के कुशासन का खात्मा हो जायेगा।