वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। उनके अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के कुछ बड़े मीडिया घरानों की व्हाइट हाउस में एंट्री बंद कर दी है। ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार (24 फरवरी) को व्हाइट हाउस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ चुनिंदा मीडिया ऑर्गेनाइजेश्स को शामिल नहीं होने दिया। बीबीसी और सीएनएन जैसे बड़े मीडिया ऑर्गनाइजेशन्स की एंट्री भी बैन की गई। खबरों के मुताबिक इन मीडिया घरानों ने ट्रम्प के खिलाफ रिपोर्ट छापी थी। इसके अलावा द न्यू यॉर्क टाइम्स, पॉलिटिको, द लॉस एंजिलिस टाइम्स और बज्जफीड मीडिया ग्रुप्स के रिपोर्ट्स को भी व्हाइट हाउस में एंट्री नहीं दी गई। साथ ही जिन संस्थानों को कॉन्फ्रेंस में शामिल होने की इजाजत दी गई उनमें रॉइटर्स, ब्लूमबर्ग और सीबीएस समेत कुछ 10 मीडिया घरानों को शामिल होने की इजाजत दी गई। वहीं एसोसिएटिड प्रेस और टाइम मैगजीन के पत्रकार इस घटना के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस से वॉकआउट कर गए।

डोनाल्ड ट्रंप सोशल मीडिया के जरिए कई मीडिया ऑर्गनाइजेशन्स पर गलत खबरें चलाने का आरोप लगा चुके हैं। ट्रंप ने इन मीडिया हाउसेस पर फेक न्यूज और फ्रॉड न्यूज जैसे कमेंट भी किए थे। वहीं ट्रंप प्रशासन द्वारा कुछ मीडिया ग्रुप्स को व्हाइट हाउस से बाहर करने पर कई और मीडिया ग्रुप्स ने इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है। प्रेस सेक्रेटरी सीन स्पाइसर के ऑफिस में हुए मीडिया सेशन के दौरान उन्होंने कहा कि हर दिन, हर बात कैमरे पर बोलना ठीक नहीं- स्पाइसर। स्पाइसर ने ये नहीं बताया कि कुछ मीडिया ऑर्गनाइजेशन्स को इस ब्रीफिंग से दूर क्यों रखा गया। स्पाइसर ने यह भी कहा, “हमारी टीम ने व्हाइट हाउस के बड़े ब्रीफिंग रूम की बजाय मेरे ऑफिस में ब्रीफिंग करने का फैसला लिया है।”

वहीं स्पाइसर ने आगे कहा, “हम मीडिया के प्रति जवाबदेह हैं और चाहते हैं कि उन्हें उनके सवालों का जवाब मिले। लेकिन मुझे ये नहीं लगता कि हर रोज हर सवाल का जवाब दिया जाना चाहिए।” गौरतलब है अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी चुनावी कैम्पेन के समय भी ट्रंप ने तई मीडिया घरानों पर आरोप लगाए थे। न्यूयॉर्क टाइम्स के एक खबर पब्लिश करने को लेकर ट्रंप ने उन्हें माफी मांगने को कहा था। हालांकि न्यूयॉर्क टाइम्स ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।