ओबरा विधानसभा से हिण्डालको मजदूर कृपाशंकर पनिका को लड़ाएगा चुनाव

लखनऊ: स्वराज अभियान समर्थित आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) ने ओबरा क्षेत्र को राजनैतिक माफियाओं की वीआईपी लूट के खिलाफ जनता की राजनीति का माडल बनाने के लिए मजदूर बाहुल्य ओबरा विधान सभा से हिण्डालको मजदूर कृपाशंकर पनिका को प्रत्याशी बनाया है व चकिया विधानसभा सीट पर सीपीएम प्रत्याशी को समर्थन दिया है। इसकी घोषणा आज राबटर््सगंज में आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आई.जी. एस. आर. दारापुरी, स्वराज अभियान के जयकिसान आंदोलन के राष्ट्रीय सहसंयोजक अजित सिंह यादव, आइपीएफ के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर व ठेका मजदूर यूनियन के महामंत्री राजेश सचान ने राबटर्सगंज स्थित गायत्री लाज में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में की। पूर्व आई. जी. दारापुरी ने कहा कि राजनैतिक माफियाओं की लूट का ओबरा सबसे बड़ा माडल है। यहां माफियाओं, नौकरशाहों व पूंजी घरानों के नापाक गठजोड़ ने सभी प्राकृतिक-आर्थिक संसाधनों पर कब्जा जमा लिया है और वीआईपी लूट के कल्चर को जन्म दिया है। यहां जंगल, पहाड़, नदी सब को लूट लिया गया, पर्यावरण को भारी क्षति पहुंची, दूषित हवा व जहरीले पानी से बड़े पैमाने पर मौते हुई है। खनन में भी मजदूरों की मौतों का सिलसिला थमा नहीं है। किसानों का बुरा हाल है, फैक्टरियों में यहां के नौजवानों को काम नहीं है, आम जनता लुट रही है और राजनैतिक माफिया मालामाल हो रहे हैं।

स्वराज अभियान के जयकिसान आंदोलन के राष्ट्रीय सहसंयोजक अजित सिंह यादव ने कहा कि पूरे देश में राजनैतिक माफिया तंत्र ने प्राकृतिक-आर्थिक संसाधनों पर कब्जा कर लिया है, पूरे राजनैतिक तंत्र को इसने अपने गिरफ्त में ले लिया है। भ्रष्टाचार व काले धन के खिलाफ बड़ी-बड़ी बात करने वाले प्रधानमंत्री मोदी भी बिरला-सहारा डायरियों की जांच के खुलासे में भ्रष्टाचार में लिप्त पाये गये हैं, भले ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़े पद में होने का तर्क देकर कार्रवाई न की हो लेकिन इससे मोदी पाक-साफ नहीं हो जाते हैं। कहा कि स्वराज अभियान पूरे देश में इस राजनैतिक माफिया तंत्र के खिलाफ मजबूती से लड़ रहा है।

आइपीएफ प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि आइपीएफ व स्वराज अभियान के प्रयास से दुद्धी-ओबरा सीट आरक्षित हुई । आदिवासी विरोधी भाजपा, कांग्रेस, बसपा व सपा के मोर्चे के आरक्षण खत्म कराने के मंसूबों को हमने न्यायालय में भी विफल कर दिया है। लेकिन हमारे साथ मिलकर आदिवासी आंदोलन करने वाले एक नेता का ऐसा पतन हुआ कि उन्होंने एक दिन में तीन-तीन दल बदले और गरीबों की लड़ाई लड़ने की जगह अपने निजी स्वार्थ के लिए पंचायत चुनाव मेंआदिवासीआरक्षण का विरोध करने वाली बसपा का दामन थाम लिया। ऐसे लोग इस राजनैतिक माफियातंत्र को कोइ्र चुनौती नहीं दे सकते हैं।
ठेका मजदूर यूनियन के महामंत्री राजेश सचान ने कहा कि प्रदेश में बिजली संकट को दूर करने के लिए सस्ती बिजली पैदा करने वाले सरकारी बिजली घरों को पूरी क्षमता से चलाने के बजाय थर्मल बैकिंग के जरिये बिजली के उत्पादन में जानबूझ कर कमी की गई है

जिससे रिलायंस व बजाज जैसे निजी बिजली घरों से बेहद मंहगी दर से बिजली खरीद कर उन्हें फायदा पहुंचाया जा सके। यही राजनैतिक माफिया जो ऊपर बैठ कर सरकार चला रहे हेैं, मंत्री/मुख्यमंत्री बने बैठे हैं सरकारी बिजली घरों में कम बिजली उत्पादन व उन्हें बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार हैं। आइपीएफ नेताओं ने कहा कि दसियों साल से नियमित काम करने वाले मजदूरों की नौकरी पक्की करने व सुप्रीम कोर्ट के समान काम के समान वेतन के आदेश को लागू कराने, वनाधिकार कानून के तहत जमीन के अधिकार, विकास व रोजगार के सवाल को इस चुनाव में राजनैतिक मुद्दा बनाया जायेगा। पत्रकार वार्ता में ओबरा के विधानसभा प्रत्याशी कृपाशंकर पनिका ने कहा कि ओबरा विधानसभा को आधुनिक औद्योगिक विकास का माडल बनाने और मजदूरों के सम्मानजनक जीविका को सुनिश्चित कराने के लिए चुनाव में हूँ।