वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी से उपजी 'उपजी अस्थायी' बाधाओं के कारण अर्थव्यवस्था में आए तनाव से भारत की वृद्धि दर 2016-17 में घटकर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अपनी सालाना रिपोर्ट में हालांकि आईएमएफ ने कहा है कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर केवल फौरी असर होगा और यह अगले कुछ साल में आठ प्रतिशत से अधिक की अपेक्षित वृद्धि दर की राह पर लौट आएगी.

भारत पर अपनी सालाना रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा है कि 8 नवंबर, 2016 के बाद नकदी की कमी तथा भुगतान दिक्कतों में खपत और व्यापार गतिविधियों को कमतर आंका गया और वृद्धि के क्रम को बनाए रखने के सामने एक नई चुनौती खड़ी हुई. इसने कहा है कि वित्त वर्ष 2016-17 में वृद्धि दर घटकर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह 2017-18 में बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहना अनुमानित है. आईएमएफ ने कहा है कि नकदी की कमी के कारण विशेषकर निजी खपत से फौरी बाधाओं का असर वृद्धि पर पड़ेगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नकदी की कमी दूर होगी तो अनुकूल मॉनसून, तेल की नीची कीमतों और आपूर्ति संबंधी बाधाओं को दूर करने की दिशा में सतत प्रगति से वृद्धि को समर्थन मिलेगा.