नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश चुनावी समर में हाशिए पर आए सांसद वरुण गांधी अपनी पार्टी भाजपा से नाराज चल रहे हैं. वरुण गांधी ने अपनी इस नाराजगी को सार्वजनिक तौर पर जाहिर भले ही न किया हो लेकिन इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान जमकर भड़ास निकाली.
वरुण ने स्कूल के एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान उन मुद्दों पर सवाल उठाए जो भाजपा के लिए परेशानी का कारण बने हैं और जिन्हें अभी तक विपक्ष ही उठाता रहा है. कांग्रेसी नेता सत्यनारायण पटेल के विद्यासागर स्कूल में बच्चों के बीच पहुंचे वरुण गांधी ने अपने संबोधन में कई ऐसी बातें कहीं जो यूपी चुनाव में चौथे चरण के मतदान के पहले पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है.

इंदौर में एक कार्यक्रम के वरुण गांधी ने आर्थिक असमानता पर अपनी बात रखी. उन्होंने करोड़ों का लोन लेकर विदेश भागे शराब किंग विजय माल्या का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि एक तरफ देशभर में हजारों किसान और गरीब बैंकों का लोन नहीं चुका पाने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ विजय माल्या जैसे लोग भी हैं जो लोन लेकर विदेश भाग जाते हैं और सरकार उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाती.

वरुण ने कहा की ये विडम्बना है कि विजय माल्या जेल की सलाखों के बाहर है और उसके लोन की गारंटी लेने वाला सलाखों के पीछे. ये आर्थिक असमानता का सबसे बड़ा उदाहरण है. वरुण गांधी ने रोहित वेमूला की आत्महत्या की घटना का जिक्र भी अपने संबोधन में किया. उन्होंने कहा कि वे रोहित का सुसाइड नोट पढ़कर रो पड़े. दलित छात्र की ऐसी पीड़ा ने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया. वरुण गांधी ने रोहित वेमूला के सुसाइड नोट का कुछ हिस्सा भी पढ़कर सुनाया.

दरअसल, वरुण भाजपा से नाराज चल रहे हैं. उत्तर प्रदेश के लोगों की नजरों में वरुण की छवि स्टार नेता की है. बावजूद इसके उन्हें पार्टी की स्टार प्रचारक सूची में शामिल नहीं किया गया. इससे नाराज वरुण ने पूरे चुनावी अभियान से खुद को अलग कर लिया. वे उत्तरप्रदेश चुनाव के दौरान कहीं भी पार्टी का प्रचार नहीं कर रहे. यहां तक की उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर में भी भाजपा के लिए प्रचार नहीं किया, जिससे उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.