लखनऊ: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल पर चलने वाली व उनकी अंधभक्ति के पाप से ग्रस्त पार्टी है और इसीलिए ख़ासकर कालाधन व भ्रष्टाचार के मामले में इनको अब कुछ भी बोलने का नैतिक अधिकार नहीं हैं।

प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी द्वारा आज बदायूँ की चुनावी रैली में इनके सम्बोधन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी को जितना हजारों करोड़ रुपयों का धन चन्दे के रूप में जो देशी व विदेशी कम्पनियों से मिला है और दिनांक 08 नवम्बर सन् 2016 को नोटबन्दी के पहले उसका इन्होंने कहाँ व कैसे जुगाड़ लगाया है उसका हिसाब-किताब बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व देश की जनता को अभी तक भी नहीं दे पा रहे है। इस प्रकार से बीजेपी के नेतागण ख़ुद तो शीशे के घर में रहते हैं परन्तु दूसरों के घरो में पत्थर मारते रहने की उनकी बुरी आदत बनी हुई है।

मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने लगभग हर सम्बोधन में चौथी श्रेणी की नौकरियों में इण्टरव्यू समाप्त करके भ्रष्टाचार को समाप्त करने का दावा करते नहीं थकते हैं, लेकिन वे यह कभी नहीं बताते कि उनकी सरकार ने कितने लोगों को नौकरी दी है क्यांकि सरकारी नौकरी व बेरोजगारों को रोज़गार देने के मामले में उनकी सरकार अब तक बुरी तरह से विफल ही साबित हुई है।

देश की आमजनता की ज्वलन्त समस्याओं को दूर करने के मामलों में भी इनकी सरकार का रिकार्ड भी अच्छा नहीं रहा है। नोटबन्दी के इनके अपरिपक्व व जनपीड़ादायी साबित होने वाले फैसले के बारे में देश को कोई विश्वसनीय आँकड़े भी मोदी सरकार नहीं दे पा रही है। इसके बजाय सरकार की ओर से केवल हवा-हवाई व खोखले दावे ही किये जा रहे हैं, जिससे नोटबन्दी का इनका फैसला राजनीति व चुनावी हित से ही प्रेरित मालूम होता है जिससे देश की लगभग 90 प्रतिशत जनता को अभी तक भी काफी कठिन समस्याओं से आज भी गुजरना पड़ रहा है।