आसिफ मिर्जा

लखनऊ। समूचे यूपी को राहुल अखिलेश का साथ पसंद है तो अमेठी के खद्दर्धारियो को यह साथ फूटी कोडी नही भा रहा है। गठबंधन के बाद पहले मंत्री गायत्री प्रजापति ने नामांकन दाखिल किया तो अब 9 फ़रवरी को राजा संजय सिंह की पत्नी कांग्रेस से पर्चा दाखिल कर चुनाव लड़ेंगी।इधर राजा संजय सिंह की पत्नी गरिमा सिंह ने बीजेपी से नामांकन कर दिया है। ऐसे में अब गायत्री का मुकाबला राजा संजय सिंह की दोनों पत्नियो से होना तय है।

करोड़ों में पहुंची चल-अचल सम्पत्ति
मंत्री गायत्री प्रजापति ने नामिनेशन के दौरान दी जानकारी में स्वयं अपने पास 1 करोड़ 17 लाख 55 हज़ार 860 रुपए चल सम्पत्ति होने की बात कही है। वहीं मंत्री ने अपनी पत्नी के नाम 1 करोड़ 68 लाख 21 हज़ार 241 रुपए की चल सम्पति होना दर्शाया है।
अचल सम्पत्ति के रूप में गायत्री प्रजापति 5 करोड़ 71 लाख 13 हज़ार के मालिक बन चुके हैं। जबकि मंत्री की पत्नी 72 लाख 91 हज़ार 191 की मालकिन हैं। सोने के नाम पर स्वयं उनके पास 100 ग्राम सोना तो पत्नी के पास 320 ग्राम सोना है।

**इतने असलहे और ये हैं वाहन
असलहो से सम्बंधित जानकारी में मंत्री गायत्री प्रजापति ने एक पिस्टल, एक रायफल और एक बंदूक होना बताया है। वहीं लग्जरी गाडियो से चलने वाले मंत्री के पास सिर्फ जीप ही है जो उन्होंने अपने एफिडेविट में दर्शाया है।

पहले की स्थित है ये

साल 2002 तक प्रजापति बीपीएल कार्ड धारक (गरीबी रेखा से नीचे) थे। उन्होंने 2012 में सपा के टिकट पर पर्चा भरा तो अपनी चल-अचल संपत्ति 1.83 करोड़ बतायी थी।
लेकिन पांच सालों में विधायक से मंत्री तक की दौड़ लगाते हुए गायत्री प्रजापति करोड़ों के मालिक हो चुके हैं।

ये है गायत्री प्रजापति का राजनैतिक कैरियर

गायत्री प्रजापति ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अमेठी विधान सभा सीट से 1993 में बहुजन क्रांति दल के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर की थी। उस चुनाव में वो मात्र 1526 वोट पा सके थे। अमेठी विधान सभा से प्रजापति ने 1996 और 2002 का विधान सभा चुनाव सपा के टिकट पर लडा। दोनों ही मौकों पर वो तीसरे स्थान पर रहे थे। 2007 में सपा ने उन्हें विधान सभा चुनाव का टिकट नहीं दिया।
जिस प्रजापति को 2007 के विधान सभा चुनाव में सपा ने टिकट नहीं दिया था वही प्रजापति 2012 में न केवल पार्टी का टिकट पाने में कामयाब रहे बल्कि अमेठी विधान सभा से तीन बार विधायक रह चुकी चुकी रानी अमीता सिंह को आठ हजार से अधिक वोटों से हरा दिया।

इस बार भी होगा अमीता सिंह से मुकाबला

मंत्री गायत्री प्रजापति का मुकाबला इस चुनाव में भी रानी अमीता सिंह से ही होगा। वो भी तब जब सपा-कांग्रेस का अलांयस हो चुका है और गायत्री ने सपा के सिम्बल पर नामिनेशन फाइल किया है। जबकि रानी अमीता सिंह कांग्रेस नेतृत्व से सिम्बल लेकर आ चुकी हैं।
वो 9 फरवरी को पार्टी सिम्बल से नामिनेशन करेंगी जिसकी पुष्टि कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष एवं सांसद डा. संजय सिंह कर चुके हैं।

आसान नहीं है गायत्री की लड़ाई

2012 के चुनाव की तरह गायत्री प्रजापति को जादुई जीत इस चुनाव में मिलना आसान नहीं है। दरअसल उसका कारण ये है कि जिस जनता ने उन्हें चुनकर विधायक बनाया और फिर वो मंत्री बने उसी जनता की उन्होंने जमकर अनदेखी किया। पद पाकर उन्होंने उसी जनता को खूब सुनाया, जुबान से अमेठी का विकास हुआ लेकिन अमेठी का विकास कम मंत्री का विकास ज्यादा हुआ। इससे जनता में भारी आक्रोश है खासकर सपा के बेस दोनों वोट बैंको में और इसका परिणाम 11मार्च को सामने होगा।