लखनऊ: चुनाव के समय उम्मीदवार की ओर से दाखिल किए जाने वाले शपथपत्र जनता के लिए सुलभ होने चाहिए। उम्मीदवारों को भी शपथपत्रों को गंभीरता से लेते हुए सही जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए।
एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) यूपी इलेक्शन वाच की ओर से आज शपथपत्रों के महत्व पर आयोजित परिचर्चा में बोलते हुए राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने माना कि शपथपत्र में दी गई जानकारी जनता को सहजता के साथ उपलब्ध कराई जानी चाहिए। भाजपा के आईटी सेल के संयोजक रहे संजीव सिंह ने कहा कि चुनाव सुधार के लिए एडीआर ने महत्वपूर्ण काम किया है अब राजनैतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वो इसे सकारात्मक ढंग से लेते हुए सही उम्मीदवार का चयन करें। भाकपा माले की ताहिरा हसन ने कहा कि नामांकन के समय दिए जाने वाले शपथपत्र में गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवारों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अपराधिक रिकॉर्ड से लेकर शैक्षिक योग्यता तक की जानकारी गलत दी जाती है पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने कहा कि एडीआर जैसी संस्थाओं को शपथपत्रों के विश्लेषण में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सही लोगों पर राजनैतिक कारणों से दर्ज मुकदमों के चलते उन्हें अपराधियों की श्रेणी में न डाला जाए। समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि चुनावों में राजनैतिक दल महिलाओं को कम टिकट दे रहे हैं जो चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि शपथपत्र भरते समय प्रत्याशी को गंभीरता बरतनी चाहिए। एडीआर के सीईओ अनिल वर्मा ने कहा कि गलत शपथपत्र देने वाले प्रत्याशी के नामांकन को रद्द करने का अधिकार निर्वाचन अधिकारी को है। परिचर्चा का संचालन स्तंभाकार रहीस सिंह ने किया जबकि एडीआर की राज्य सहभागी रश्मि शर्मा ने धन्यवाद दिया।