नई दिल्ली : आम बजट 2016-17 में बुनियादी ढांचा क्षेत्र तथा कारोबार सुगमता पर विशेष ध्यान दिया गया है जिससे रोजगार बाजार पर सकारात्मक असर होगा। यह सरकार की रोजगार सृजन की सोच के अनुकूल है। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। सरकार ने बजट में डिजिटलीकरण, कामकाज और राजनीति में पारदर्शिता, महिलाओं और युवाओं को सशक्त करने, शिक्षा की गुणवत्ता, ग्रामीण भारत पर जोर दिया है। टीमलीज की सह संस्थापक एवं ईवीपी रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, 'सीधे-सीधे बजट युवाओं के लिए पर्यटन, फुटवियर और कपड़ा उद्योग में रोजगार का संकेत देता है। बुनियादी ढांचे पर जोर तथा कारोबार सुगमता सरकार की विशेषरूप से विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन की पहल के अनुरूप है।' आम बजट में लघु मझोले उद्योगों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को कम करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की सालाना आय पर व्यक्तिगत आयकर को 10 से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि व्यक्तिगत आयकर में छूट से उपभोक्ता की खरीद क्षमता बढ़ेगी और इससे उपभोक्ता आधारित उद्योगों और सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
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