वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप के प्रवासियों पर बैन लगाने के आदेश का विरोध करने वाली कार्यकारी अटॉर्नी जनरल बर्खास्तयेट्स कहा था कि उन्हें प्रवासियों पर राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश को देखकर ये नहीं लगता कि यह नियमों के तहत है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनके आदेशों की निंदा करने वाली कार्यकारी अटॉर्नी जनरल को बर्खास्त कर दिया है। सैली येट्स ने न्यायिक विभाग से कहा था कि वह प्रवासियों पर राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश का बचाव न करे। वाइट हाउस के एक बयान में सैली येट्स पर धोखा देने का आरोप लगाया गया है। सैली येट्स की नियुक्ति ट्रंप के पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने की थी। ट्रंप ने येट्स की जगह वर्जिनिया के पूर्वी जिले से अमेरिकी अटॉर्नी डाना बोएन्ट को कार्यकारी अटॉर्नी जनरल का पदभार सौंपा है।
येट्स कहा था कि उन्हें प्रवासियों पर राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश को देखकर ये नहीं लगता कि यह नियमों के तहत है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने मुस्लिम बहुल आबादी वाले सात देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ अमेरिका समेत दुनिया भर के कई देशों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। सैकड़ों अमेरिकी राजनयिकों ने भी इस आदेश की औपचारिक रूप से आलोचना की है।
याद दिला दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार (27 जनवरी) को एक ऐसे शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जो शरणार्थियों के प्रवाह को सीमित करने के लिए और ‘‘चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए’’ सघन जांच के नए नियम तय करता है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले पेंटागन दौरे में ट्रंप ने इस शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने कहा था, ‘‘मैं चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए सघन जांच के नए नियम स्थापित कर रहा हूं। हम उन्हें यहां देखना नहीं चाहते।’’
ट्रंप ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम उन खतरों को अपने देश में न आने दें, जिनसे हमारे सैनिक विदेशों में लड़ रहे हैं। हम सिर्फ उन्हीं को अपने देश में आने देना चाहते हैं, जो हमारे देश को सहयोग देंगे और हमारी जनता से गहरा प्रेम करेंगे।’’ नए रक्षामंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) जेम्स मैटिस और उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ खड़े ट्रंप ने कहा था, ‘‘हम 9:11 के सबक को और पेंटागन में शहीद हुए नायकों को कभी नहीं भूलेंगे। वे हममें से सर्वश्रेष्ठ थे। हम उनका सम्मान सिर्फ अपने शब्दों से ही नहीं, बल्कि हमारे कार्यों से भी करेंगे। आज हम वही कर रहे हैं।”