नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वतंत्र भारत में पहली बार बजट सत्र को समय से पहले आहूत करने और उसके साथ ही रेल बजट को विलय करने का उल्लेख करते हुए आज कहा कि लोकतंत्र के इस उत्सव के मूल्य एवं संस्कृति देश के लंबे इतिहास के हर दौर में फलते फूलते रहे हैं। उनके संबोधन की शुरूआत और समापन ‘सबका साथ, सबका विकास’ उक्ति से हुई।

बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में अपने अभिभाषण की शुरूआत में राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक संयुक्त सत्र है जिसमें स्वतंत्र भारत में पहली बार बजट सत्र के निर्धारित समय को इस वर्ष आगे किया गया और आम बजट के साथ रेल बजट का विलय किया जा रहा है ।’ मुखर्जी ने कहा, ‘हम एक ऐसे लोकतंत्र के उत्सव के लिए पुन: एकत्र हुए हैं जिसके मूल्य और संस्कृति इस देश के लंबे इतिहास के हर दौर में फलते फूलते रहे हैं। वास्तव में इसी संस्कृति ने मेरी सरकार को ‘सबका साथ, सबका विकास’ की ओर प्रेरित किया।’ राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण के अंत में कहा कि आज हम यहां एकत्रित हुए हैं कि हम अपने देशवासियों, विशेषकर गरीब नागरिकों द्वारा संसद जैसी पवित्र संस्था के प्रति दर्शाये गए विश्वास को बनाए रख सकें। उन्होंने कहा, ‘ हमारा हर कदम लोकतंत्र के इस मंदिर में देश के निर्माण के लिए किये गए असंख्य बलिदानों की वेदी में आहूति होगी। हम सब मिलकर ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना से ओत प्रोत होकर ऐसे भविष्य का निर्माण करें जिससे सभी को संविधान में प्रदत्त समानता और गरिमा प्राप्त हो सके।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमारी सभ्यता चिरकाल से ही ‘सहनाववतु, सह नौ भुनक्तु’ जैसे महान सिद्धांतों से प्रेरित है जिसका अर्थ है कि हम परस्पर दोनों साथ साथ एक दूसरे की रक्षा करें, हम दोनों का साथ साथ पोषण करें। उन्होंने कहा कि इस वर्ष महान सिख गुरू गुरू गोविंद सिंह जी की तीन सौ पचासवीं जयंती है। हम महान संत, दार्शनिक रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती भी मना रहे हैं। इन महान विभूतियों द्वारा दिखाया गया आलोकित पथ सामाजिक परिवर्तन और सुधार का पथ है जो सबके लिए प्रकाश स्तम्भ है और मेरी सरकार के लिए प्रेरणादायी है। मुखर्जी ने कहा कि इस वर्ष हम चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी मना रहे हैं जिसने हमारे स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी थी और औपनिवेशिक ताकतों से लड़ने के लिए भारत की जनशक्ति को प्रेरित किया था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सत्याग्रह के आदर्शों ने प्रत्येक भारतीय के मन में अदम्य साहस, आत्मविश्वास और जनहित के लिए बलिदान की भावना भर दी। आज यही जनशक्ति हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कृषि क्षेत्र के संपूर्ण विकास पर सरकार का ध्यान केंद्रित होने का आश्वासन देते हुए आज कहा कि सरकार के सक्रियता से किये गये उपायों की वजह से दालों की कीमतें अब नियंत्रण में हैं। उन्होंने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में अपने अभिभाषण में कहा कि अनुकूल मानसून और किसानोन्मुख सरकारी परियोजनाओं से खरीफ फसलों के क्षेत्रफल एवं उपज में वृद्धि हुई है और वर्तमान रबी मौसम में बुवाई क्षेत्र में भी गत वर्ष की तुलना में छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुखर्जी ने दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, ‘माननीय सदस्यों को याद होगा कि पिछले वर्ष इसी समय दालों की कीमतों में तेजी से हुई वृद्धि गंभीर चिंता का विषय था। मेरी सरकार ने सक्रियता से उपाय किये और दालों की कीमतें अब नियंत्रण में हैं।’ उन्होंने कहा कि किसानों को उचित मूल्य प्रदान करने तथा उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए 20 लाख टन दालों का बफर स्टॉक रखने की योजना है जिसके अंतर्गत आठ लाख टन दालें अब तक खरीदी जा चुकी हैं।

मुखर्जी ने किसान के कल्याण में ही राष्ट्र की समृद्धि बताते हुए कहा, ‘‘मेरी सरकार ने किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए कई कदम उठाये हैं। हमारा ध्यान कृषि क्षेत्र के संपूर्ण विकास पर केंद्रित है जैसे सस्ता रिण उपलब्ध कराना, बीज और उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करना, सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाना, व्यापक जोखिम सुरक्षा, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से बेहतर उत्पादकता, ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार :ईएनएएम: के माध्यम से उत्पाद के लिए सुनिश्चित बाजार और लाभकारी कीमतें आदि।’’ उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ में जोखिम कवरेज को विस्तृत किया गया है, बीमा राशि को दोगुना कर दिया गया है और किसानों के लिए प्रीमियम राशि को अब तक के न्यूनतम स्तर पर लाया गया है। 2016 खरीफ फसल की अवधि के दौरान लगभग 3.66 करोड़ किसानों के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये की राशि का बीमा किया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्डों को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से मौजूदा कार्डों के अलावा तीन करोड़ कार्डों को जल्द ही रूपे डेबिट कार्डों में बदला जाएगा। नाबार्ड निधि की राशि को दोगुना करके 41 हजार करोड़ रुपये किया गया है ताकि सभी किसानों को आसानी से रिण उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि ‘हर बूंद अधिक फसल’ और ‘हर खेत को पानी’ को ध्यान में रखते हुए ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ का कवरेज बढ़ाया गया है। पिछले दो सालों के दौरान 12.7 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई की व्यवस्था की गयी है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा एवं राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर रचनात्मक चर्चा और धन बल का दुरूपयोग रोकने के लिए सरकारी खर्च पर चुनाव कराए जाने की वकालत की। साथ ही उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता का बार बार उल्लंघन किए जाने का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में नारी शक्ति का उल्लेख करते हुए आज कहा कि सरकार इसे अपनी विकास यात्रा का अभिन्न अंग बना रही है और उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। बजट सत्र के आरंभ में संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, ‘मेरी सरकार नारी शक्ति को देश की विकास यात्रा का अभिन्न अंग बना रही है। हमारे देश में महिलाओं को समान अवसर प्राप्त करने का हक है। रियो ओलंपिक में पी वी सिंधु, साक्षी मलिक, दीपा करमाकर और कई अन्य महिला खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शर पर हमें गर्व है और यह महिला शक्ति की कामयाबी का प्रतीक है।’

उन्होंने सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘महिलाएं सशस्त्र सेनाओं के लड़ाकू दस्ते में भी शामिल हो रही हैं। पहली तीन महिला फाइटर विमान पायलटों पर राष्ट्र को गर्व है। यह हमें स्मरण कराता है कि यदि महिलाएं पूर्ण रूप से सशक्त हों और उनकी प्रतिभा तथा कौशल का इष्टतम उपयोग किया जाए तो एक राष्ट्र के रूप में हम बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।’ मुखर्जी ने अपने अभिभाषण में कहा, ‘घटते बालिका लिंगानुपात के समाधान हेतु शुरू की गयी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। लड़कियों के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने की दृष्टि से सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की गयी जिसमें एक करोड़ से भी अधिक खाते खोले गये और 11 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि जमा हुई है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सभी गर्भवती महिलाओं को सक्षम चिकित्सा परिचरों द्वारा एंटी-नेटल उपचार की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मातृत्व सुरक्षा अधिनियम में संशोधन और प्रसूति अवकाश अवधि को 12 सप्ताह से 26 सप्ताह तक बढ़ाने से गर्भवती महिलाओं को कार्यस्थल पर सहायता मिलेगी।

राष्ट्रपति ने सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता का बार बार उल्लंघन किए जाने का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘क्षेत्रीय संप्रभुता का बार बार उल्लंघन किये जाने का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए मेरी सरकार ने निर्णायक कदम उठाए हैं। आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ रोकने के लिए 29 सितंबर 2016 को हमारे रक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा पर अनेक लांच पैड पर सफलतापूर्वक स्ट्राइक की। हमारे रक्षा कर्मियों के इस अदम्य साहस और पराक्रम पर हमें गर्व हैं । ’