लखनऊ : सपा के आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला लेकर भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की। सपा द्वारा जारी घोषणा पत्र में जाति-धर्म के नाम पर वोट मांगने की शिकायत करते हुए सपा की मान्यता रद्द करने की मांग की।

भाजपा ने चुनाव आयुक्त के भेजे पत्र में उच्च न्यायालय द्वारा दिये आदेश संख्या 21455 को संदर्भित करते हुए कहा कि सपा के घोषणा पत्र में सभी लाभपरक योजनाओं में अल्पसंख्यकों को जनसंख्या के अनुपात में हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की बात कही गई। धार्मिक आधार पर आरक्षण या लाभ संवैधानिक रूप से संभव नहीं है। यह राज्य सरकार का विषय भी नहीं है। वहीं अल्पसंख्यक वर्ग के स्वतत्रंता संग्राम सेनानियों के स्मारकों की बात करना धर्म के आधार पर उनमं भेद करना संविधान के विपरीत है।

भाजपा ने शिकायत करते हुए कहा कि सपा के घोषणा पत्र में एम्बुलेंस की फोटो लगाकर समाजवादी स्वास्थ्य सेवा लिखा गया है, जबकि यह योजना केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित है और इसका नाम राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा है। भाजपा ने चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में सपा के घोषणा पत्र में अधिवक्ताओं को मासिक आर्थिक सहायता के वादे पर शिकायत की, कि जब सपा 2012 के घोषणा पत्र में युवा अधिवक्ताओं को मासिक आर्थिक सहायता तथा बृद्ध अधिवक्ताओं को पेंशन का वादा कर चुकी है। यही नहीं 35 वर्ष से अधिक आयु के बेरोजगारों को 12 हजार रूपये मासिक का वायदा भी किया गया था, जो पूरा नहीं किया।
भाजपा ने चुनाव आयोग को शिकायत करते हुए कहा कि धार्मिक एवं जातीय आधार एवं झूठे प्रचार तथा पंाच वर्ष पूर्व किये वादे पूरे न करके फिर से वही वादे दोहराना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर एवं एडवोकेट कुलदीप पति त्रिपाठी ने शिकायत करते हुए सपा के घोषणा पत्र को प्रतिबन्धित तथा सपा की मान्यता रद्द करने की मांग की।