नई दिल्‍ली: पिछले साल 29 सितंबर की रात को नियंत्रण रेखा (LoC) के पार जाकर आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाले जवानों को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है. सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर इस टीम के 22 जवानों को पुरस्कार देने का ऐलान किया. ये बहादुर जवान सेना की 4 और 9 पैरा स्पेशल फोर्सेज रेजिमेंट के हैं. 4 पैरा के एक मेजर को कीर्ति चक्र प्रदान किया गया है. कीर्ति चक्र शांति काल का दूसरे सबसे बड़ा अवॉर्ड है. तीन अफसरों और दो जवानों को शौर्य चक्र दिया गया है. दो कर्नल जो सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल नहीं थे, लेकिन इसकी योजना बनाने और अभियान के संचालन में उनकी भूमिका के लिए उन्हें युद्ध सेवा मेडल दिया गया है. 14 अन्य को सेना मेडल देने की घोषणा की गई है.

उल्‍लेखनीय है कि पिछले साल जम्‍मू-कश्‍मीर में उड़ी आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना के जांबाज रणबांकुरों ने नियंत्रण रेखा पार कर सर्जिकल स्‍ट्राइक को अंजाम दिया. वह अभियान इतना गोपनीय था कि किसी को कानोंकान भनक तक नहीं लगी. उसके अगली सुबह जब डीजीएमओ ने मीडिया ब्रीफिंग की तो पूरी दुनिया को पता चला. पाकिस्‍तान ने हालांकि इस सर्जिकल स्‍ट्राइक की घटना को मानने से इनकार किया लेकिन खुद वहां के अखबारों के हवाले ने लिखा कि इस तरह की घटना हुई थी.

इसके चलते पाकिस्‍तान में सेना और सरकार के बीच टकराव की खबरें भी प्रमुखता से आईं. उसकी परिणति यह हुई कि जब पाकिस्‍तान सैन्‍य जनरल राहिल शरीफ रिटायर हुए और नए जनरल आए तो उसके बाद शक्तिशाली खुफिया एजेंसी के मुखिया को हटा दिया गया. उनको हटाए जाने को सर्जिकल स्‍ट्राइक से जोड़कर देखा गया.