नई दिल्ली: सपा में मुलायम सिंह-अखिलेश यादव(पिता-पुत्र) के बीच विवाद समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री ने पहली बार सार्वजनिक रूप से इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. दरअसल चुनावों के बीच सपा के टीवी विज्ञापन में अखिलेश यादव को अपने बेटे के साथ खेलते हुए दिखाया गया है. इस विज्ञापन में उनकी पत्नी डिंपल भी दिखाई देती हैं. इसी विज्ञापन से जोड़ते हुए उनके बेटे का हवाला देते हुए मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के रिश्तों पर संबंधित एक सवाल उनसे पूछा गया. उनसे पूछा गया कि एक बेटे के रूप में वह पिता मुलायम सिंह यादव द्वारा उन पर गुस्सा करने के बारे में क्या सोचते हैं?
इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि वह इसके जवाब में दूसरी बात कहना चाहते हैं कि क्या मैं कभी अपने बेटे से इस तरह नाराज हो सकता हूं? उसके बाद इसी से संबंधित और सवाल लेने से उन्होंने इनकार कर दिया और जब बारंबार ऐसे ही सवाल पूछे जाने लगे तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि अब यदि इस तरह का सवाल किया गया तो वह सपा का घोषणापत्र निकालकर पढ़ने लगेंगे.
उल्लेखनीय है कि सपा में पिछले सितंबर महीने में परिवार के भीतर सियासी घमासान सार्वजनिक रूप से उभर कर आया था. उसके बाद नाराजगी में मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को पार्टी से बाहर भी निकाल दिया था. हालांकि 24 घंटे के भीतर ही उनको पार्टी में वापस ले लिया गया. उसकी परिणति सपा में तख्तापलट के जरिये हुई. अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुलायम सिंह को संरक्षक बना दिया गया. पार्टी पर वर्चस्व की लड़ाई में मुलायम सिंह ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया. अखिलेश यादव के गुट ने भी अपना दावा किया.
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