नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के आरोपों और नोटबंदी के बाद 1000 फर्जी पहचान पत्रों का कथित तौर पर इस्तेमाल करके एक करोड़ रुपये के पुराने नोटों को नए नोटों में अवैध तरीके से बदलवाने के मामले में सूरत के फाइनेंसर जिगनेश किशोरभाई भजियावाला (41) को गिरफ्तार किया है.

ईडी ने बताया कि उसने यहां अपने कार्यालय में गुरुवार देर रात करीब 11 बजकर 45 मिनट पर धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत किशोर भजियावाला को गिरफ्तार किया. उन्हें शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा. ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर भजियावाला और उसके परिवार के कुछ सदस्यों के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया था. आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद काले धन की जांच के तहत बे साल दिसंबर में भजियावाला के परिसरों से सोना और नकदी बरामद की थी जिसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी.

यह मामला प्रमुखता से सामने तब आया जब जांच एजेंसियों को पता चला कि सूरत का एक चायवाला फाइनेंसर बन गया. ईडी ने कहा कि भजियावाला परिवार ने नोटबंदी के बाद फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके और फर्जीवाडा करके बैंक अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से बड़ी संख्या में अज्ञात स्रोत से मिले धन और अन्य संपत्तियों को नए नोटों में बदलवाया. उसके मकान, दुकान और बैंक लॉकरों की तलाशी के दौरान आयकर विभाग ने एक करोड़ दो लाख रुपये से ज्यादा के नए नोट जब्त किए. यह भी पता चला कि आरोपी ने अवैध धन को छिपाने के लिए कई बैंकों में बेनामी लॉकर ले रखे थे.